जयपुर। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के आव्हान पर कर्मचारियों के वेतन से लगातार की जा रही कटौती रोकने, बोनस के आदेश जारी करने सहित महासंघ के 15 सूत्रीय मांग पत्र रविवार को प्रदेश के 107 विधायकों का उनके आवास पर घेराव कर ज्ञापन सौंपा गया। महासंघ ने उन्हें अपनी मांगो से अवगत कराया और सरकार पर दबाव बनाने का निवेदन किया।
महासंघ के प्रदेश महामंत्री तेजसिंह राठौड़ ने बताया कि कोविड-19 जैसी महामारी के दौरान कर्मचारियों के उत्कृष्ट कार्यों के कारण राजस्थान सरकार की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। इसके लिए राज्य में कर्मचारियों ने सबसे ज्यादा आर्थिक सहयोग कर अपना योगदान दिया है, इसके बावजूद इस समय में कर्मचारियों की समस्याओं को नजर अंदाज किया जा रहा है जो उचित नहीं है।
सरकार की ओर से कर्मचारियों की समस्याओं को सुनने के बजाय लगातार उन्हें आर्थिक नुकसान देने की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है। जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोष व्याप्त है। महासंघ लगातार कर्मचारियों की ज्वलंत समस्याओ से राज्य सरकार को लगातार अवगत कराता आ रहा है लेकिन सरकार बने 2 वर्ष से अधिक समय हो जाने और मुख्यमंत्री द्वारा कर्मचारियों की मांगो पर अविलंब वार्ता के आश्वासन के बावजूद भी कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं की गई। जिसके विरोध में विधायकों का घेराव किया गया।
इस कड़ी में जयपुर में सैकड़ों की संख्या में कर्मचारियों ने सिविल लाईन विधायक एवं परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के निवास पर पहुंच कर एक घंटे से अधिक समय तक घेराव किया तदुपरान्त खाचरियावास द्वारा शीघ्र मुख्यमंत्री स्तर पर वार्ता कराने एवं मुख्य सचिव से कर्मचारियों से वार्ता करने के निर्देश देने के बाद कर्मचारी वहां से हटे।
इसी तरह सीकर जिला महासंघ द्वारा शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा को भी ज्ञापन देकर समस्याओं से रूबरू कराया। उन्होंने बताया कि महासंघ के आंदोलन की अगली कड़ी में आगामी 11 नवम्बर को सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में सत्याग्रह कर सभी जिला मुख्यालयों पर गिरफ्तारी दी जाएगी।