जयपुर

मेट्रो का उद्घाटन तो कर रहे हो, तोड़े हुए मंदिर भी बनाओ

मुख्यमंत्री बुधवार को करेंगे मेट्रो फेज वन-बी का उद्घाटन

जयपुर। परकोटे में बहुप्रतिक्षित मेट्रो का उद्घाटन बुधवार को होगा। एक ओर तो मुख्यमंत्री उद्घाटन करेंगे, वहीं दूसरी ओर शहर के कई धार्मिक और सामाजिक संगठन सरकार से कह रहे हैं कि सरकार मेट्रो का उद्घाटन तो कर रही है, लेकिन मेट्रो के कारण तोड़े गए शहर के प्राचीन मंदिरों की पुनस्र्थापना का भी ध्यान रखे।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार दोपहर 12 बजे मेट्रो का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल करेंगे। मेट्रो का यह फेज चांदपोल से बड़ी चौपड़ के बीच अंडरग्राउंड बनाया गया है। इसमें छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ स्टेशन होंगे। उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन बड़ी चौपड़ मेट्रो स्टेशन पर किया गया है।

मेट्रो के उद्घाटन से पहले इस फेज के निर्माण के समय तोड़े गए मंदिरों का मामला एक बार फिर से गरमा गया है। मेट्रो निर्माण के लिए छोटी चौपड़ पर कष्टहरण महादेव, बारह लिंग महादेव, रामेश्वर महादेव, कंवल साहब हनुमानजी, बड़ के बालाजी मंदिरों को तोड़ा गया था। वहीं तोड़े गए रोजगारेश्वर मंदिर की पिछली सरकार की ओर से पुनस्र्थापना करा दी गई थी।

इसी तरह बड़ी चौपड़ पर गौरीशंकर महादेव, अमनेश्वर महादेव, जमनेश्वर महादेव, शिवजी हनुमानजी माताजी मंदिर, गणेशजी शिवजी मंदिर, पिपलेश्वर महादेव मंदिर, महावीर हनुमानजी मंदिर को तोड़ा गया था। मंदिरों को तोड़ने के खिलाफ शहर में बड़े आंदोलन भी हुए थे। इसके बाद स्वायत्त शासन विभाग की ओर से तय किया गया था कि छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ पर स्टेशन निर्माण के बाद मंदिरों को पुनस्र्थापित करा दिया जाएगा।

अब छोटी-बड़ी चौपड़ मंदिर प्रकरण संघर्ष समिति, राजस्थान जन कल्याण संघर्ष समिति व कुछ अन्य संगठनों की ओर से मांग उठाई जा रही है कि सरकार अपने वादे पर कायम रहे और मंदिरों को पुनस्र्थापित करे। इन समितियों की ओर से जयपुर मेट्रो, स्थानीय विधायक अमीन कागजी और जिला कलेक्टर को इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपे गए हैं।

वहीं दूसरी ओर व्यापारी भी मांग कर रहे हैं कि जयपुर मेट्रो चौपड़ के खंदों में मूल स्वरूप बहाल करे। खंदा मोदीखाना व्यापार मंडल के महामंत्री रामस्वरूप सोनी का कहना है कि मेट्रो अधिकारियों ने फूलवाले खंदे मे अपने वादे के अनुरूप काम नहीं कराया है, जिससे खंदे की दुर्गति हो रही है। न तो खंदे में लाल पत्थर लगाए गए हैं और न ही सड़क का सही तरीके से निर्माण किया है। पानी के चैम्बरों को भी सही नहीं किया गया है। यहाँ लगाए गए अस्थाई बोरिंग को भी नहीं हटाया गया है।

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