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मंत्रीजी ने कर दी अधिकारियों की रगड़ाई, कहा अधिकारी अपनी कार्यशैली में लायें परिवर्तन अन्यथा होंगे जिला बदर

कहा अधिकारी हम जनप्रतिनिधियों के फोन तक नहीं उठाते तो आमजन की शिकायतें कैसे सुनेंगे

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई बार राजनीति में रगड़ाई की बात कर चुके हैं, लेकिन लगता है कि अब पिछले तीन सालों से भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की रगड़ाई का समय आ गया है। चुनाव सिर पर आ चुके हैं और जनता की नाराजगी को दूर करने के लिए अब अधिकारियों की जमकर रगड़ाई की जाएगी। इसकी बानगी गुरुवार को दिखी, जबकि
पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने भरतपुर में अधिकारियों को चेतावनी दे दी कि या तो वह अपनी कार्यशैली बदल लें, नहीं तो उन्हें जिला बदर कर दिया जाएगा।

सिंह ने आमजन से सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे अपनी कार्यशैली में परिवर्तन लाकर आमजन की समस्याओं का सकारात्मक सोच के साथ निस्तारण करें, किसी भी सूरत में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, आवश्यकता होने पर अधिकारियों को जिले से बाहर भी किये जाने से नहीं हिचकिचाएंगे।

सिंह गुरूवार को भरतपुर के कलेक्ट्रेट सभागार में डीग-कुम्हेर विधानसभा क्षेत्र से सम्बंधित समस्याओं के सम्बंध में विद्युत, पेयजल, चम्बल परियोजना एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब अधिकारी हम जनप्रतिनिधियों के फोन तक नहीं उठाते तो आमजन की शिकायतों के फोन उठाना तो सम्भव ही नहीं है। राज्य सरकार द्वारा विगत वर्षों के बजट के दौरान किये गये विकास कार्यों की घोषणा को अभी तक धरातल पर नहीं लाया जा सका तो वर्ष 2022-23 के बजट में घोषित किये गये विकास कार्यों को धरातल पर लाया जाना कैसे सम्भव होगा। उन्होंने सड़क, पेयजल, चम्बल परियोजना के कार्यों की गति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों का नियमित भ्रमण कर प्रभावी पर्यवेक्षण करें जिससे काम समय पर पूरे हो सकें अन्यथा उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जायेगी।

पर्यटन मंत्री ने चम्बल पेयजल परियोजना के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधीक्षण अभियंता को कार्यों में गति लाने के निर्देश दिये जिससे राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप जिले के आमजन को शुद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण पेयजल निर्धारित समय पर उपलब्ध हो सके। उन्होंने अधिशाषी अभियंता से कहा कि माढ़ेरा रूंध क्षेत्र में पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने व बाल्व खराब होने के कारण हजारों लीटर पेयजल व्यर्थ हो रहा है और ग्रामीण पेयजल से वंचित हो रहे हैं साथ ही उन्होंने अवैध कनेक्शन एवं पेयजल का दुरूपयोग करने वालों के खिलाफ राजकीय सम्पत्ति को क्षति पहुंचाने की एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश अधीक्षण अभियंता चम्बल परियोजना को दिये। उन्होंने जिला कलक्टर को निर्देश दिये कि वे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सार्वजनिक निर्माण विभाग के सम्बंधित अधिशाषी अभियंता को चम्बल पेयजल परियोजना के तहत क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत कार्य का 10 प्रतिशत कार्याें का निरीक्षण कर किये गये कार्यों की गुणवत्ता की जांच करायें जिससे वास्तविकता सामने आ सके। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे गर्मी के मौसम को दृष्टिगत रखते हुए जागरूक रहें कि पेयजल एवं विद्युत के कारण कहीं भी कानून व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े।

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