गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है । इस वर्ष गणेश चतुर्थी 22 अगस्त, शनिवार को मनाई जा रही है ।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणेशजी का जन्म भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था।
इस दिन गणेश प्रतिमा स्थापित की जाती है और गणेशजी की पूजा की जाती है । कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है। इस प्रतिमा का नौ दिनों तक सुबह-शाम पूजन किया जाता है। बड़ी संख्या में आस पास के लोग दर्शन करने पहुँचते है। मान्यता के आधार पर अनंत चतुर्दशी को गणेश प्रतिमा को जल में विसर्जित कर दिया जाता है।
धातु व प्लास्टर ऑफ पेरिस और अन्य रसायनों से बनी गणेश प्रतिमा की बजाय मिट्टी की प्रतिमा का विशेष महत्व है। मिट्टी स्वाभाविक रूप से पवित्र होती है और मिट्टी की गणेश प्रतिमा में पंचतत्व-भूमि, जल, वायु, अग्नि और आकाश के अंश होते हैं। इसलिए उसकी प्राण प्रतिष्ठा करके और भगवान का आवाहन करने से कार्य सिद्ध होते हैं। मान्यता हैं की मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा की पूजा करने से करोड़ों यज्ञों का फल मिलता है।
गणेश जी की स्थापना और पूजा
इस वर्ष 21 अगस्त शुक्रवार को रात्रि 11:03 बजे से चुतुर्थी शुरू हो जाएगी और 22 अगस्त को 7.57 शाम तक रहेगी। पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:45 बजे है। माना जाता है कि गणेश जी का जन्म मध्य में हुआ था इसलिए गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा भी दोपहर में की जाती है।
गणेश चतुर्थी पर सुबह “ऊँ गं गणपतये नम:” मंत्र बोलते हुए गणेश प्रतिमा को घर की उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में स्थापित करें। इसके बाद उस प्रतिमा पर शुद्ध घी और सिंदूर मिलाकर श्रृंगार कर सकते हैं। श्रृंगार करने के बाद जनेऊ पहनाएं। धूप-दीप जलाएं। दूर्वा, फल-फूल अर्पित करें। दूर्वा और जसवंती / गुड़हल के फूल गणेशजी को बहुत प्रिय है। लड्डुओं या मोदक का भोग लगाएं।कपूर जलाकर आरती करें। गणेश उत्सव में रोज गणेशजी की सुबह-शाम पूजा करें। अनंत चतुर्दशी पर इस प्रतिमा का विसर्जन करें। गणेश चतुर्थी पर गणेशजी की पूजा करने से शुभ लाभ की प्राप्ति होती है और धन-धान्य की भी वृद्धि होती है।
चंद्र-दर्शन दोष से बचाव
ऐसा माना गया जो व्यक्ति गणेश चतुर्थी की रात्रि को चन्द्रमा को देखते हैं उन्हें झूठा-कलंक प्राप्त होता है। इसलिए गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए ।
लेखिका ज्योतिषी एवं प्रैक्टिसिंग रेकी हीलर हैं। अपॉइंटमेंट के लिए [email protected] में मेल करें।