नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसानों का आंदोलन फिलहाल जारी है और आंदोलन के 13वें दिन यानी 8 दिसंबर को पूरे भारत बंद का आह्वान किया गया था। देश भर की बात करें तो इस भारत बंद का मिलाजुला असर रहा। मिलाजुला इसलिए क्योंकि सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चले इस बंद के दौरान पंजाब, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रेक को बाधित किया।
महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, राजस्थान सहित कुछ अन्य राज्यों में किसानों और राजनीतिक दलों ने राजमार्गों को जाम किया। शेष अन्य राज्यों में इसका असर नहीं के बराबर रहा। दिनचर्या सामान्य रही। अब भारत बंद के बाद 9 दिसंबर को सरकार और किसानों के बीच छठे दौर की वार्ता होनी है।
सबसे ज्यादा असर पंजाब में
भारत बंद का सबसे ज्यादा असर पंजाब में देखने को मिला। यहां कई स्थानों पर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। पेट्रोल पम्प मालिकों ने बंद का समर्थन किया और पेट्रोल पम्पों को बंद रखा। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने भी किसानों के समर्थन में अपने कार्यालय और संस्थान को बंद रखा। हालांकि भारत बंद के आह्वान को ध्यान में रखते हुए पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था काफी चौकस थी। सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक बाजार पूरी तरह से सुनसान रहे। सभी सड़कों पर चक्का जाम रहा। व्यापारिक, राजनीतिक व धार्मिक संगठनों ने किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस बंद को समर्थन दिया।
राजस्थान में कहीं स्वतः बंद तो कहीं बंद का विरोध करते मोदी-मोदी के नारे लगे
जयपुर में प्रमुख मंडियों में कारोबार नहीं हुआ। व्यापारियों, मजदूरों और किसानों ने भारत बंद का समर्थन करते हुए कामकाज नहीं किया। इससे मंडियां पूरी तरह सूनी रहीं। जयपुर शहर के बाजारों में कुछ स्थानों पर राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के कार्यकर्ता बंद के समर्थन में नारे लगाते जयपुर की गलियों में घूम रहे थे। जब वे चांदपोल बाजार के बारह भाइयों की गली, दीनानाथजी के रास्ते में पहुंचे तो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को स्थानीय जनता ने मोदी-मोदी के नारे लगाते हुए उन्हें उल्टे पांव दौड़ा दिया।
गृह मंत्री अमित शाह ने नौवें दौर की वार्ता से पहले किसानों को बुलाया
किसानों का आंदोलन तो फिलहाल जारी है और बुधवार 9 दिसंबर को किसानों के साथ छठे दौर की वार्ता होनी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इससे पूर्व 8 दिसंबर की शाम को किसान नेताओं को अनौपचारिक बातचीत के लिए बुलाया और इस मुद्दे पर सरकार के गंभीर होने के संकेत दिए। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि उन्हें फोन पर, गृहमंत्री अमित शाह की ओर से बातचीत के लिए बुलावा आया है। इस बातचीत में क्या हुआ, यह जानने के लिए क्लीयरन्यूज डॉट लाइव की ओर से राकेश टिकैत से बात करने की कोशिश की तो उनसे बात नहीं हो सकी।