मिजोरम विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी को निराशा हाथ लगी है। कांग्रेस को महज एक सीट पर जीत मिली है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी को 2 सीटों पर सफलता मिली है। मिजोरम विधानसभा के लिए 8।57 लाख मतदाताओं में से 80 प्रतिशत से अधिक ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए हुए चुनाव में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) को शानदार जीत मिली है। इस बार चुनाव में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद थी। हालांकि सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट को चुनाव परिणाम में हार का सामना करना पड़ा। जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने 40 सीटों वाले विधानसभा में 27 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को मात्र 10 सीटों पर जीत मिली है। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार 2 सीटों पर विजय हुए हैं। वहीं, कांग्रेस पार्टी को महज एक सीट पर जीत मिली है।
मिजोरम में मतगणना रविवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के साथ होनी थी। हालांकि, राजनीतिक दलों, गैर सरकारी संगठनों, चर्च और छात्र संगठनों की अपील के बाद निर्वाचन आयोग ने इसे स्थगित कर दिया क्योंकि रविवार का दिन ईसाई बहुल मिजोरम के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। मिजोरम विधानसभा के लिए मतदान सात नवंबर को हुआ था और राज्य के 8.57 लाख मतदाताओं में से 80 प्रतिशत से अधिक ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने दिया इस्तीफा
विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने राज्यपाल हरी बाबू कंभमपति को इस्तीफा सौंप दिया है। एमएनएफ उम्मीदवार जोरमथांगा अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और जेडपीएम के उम्मीदवार लालथनसांगा से 2101 मतों से आइजोल पूर्वी-1 सीट से चुनाव हार गए। लालथनसांगा को 10727 मत मिले जबकि जोरामथांगा को 8626 मत प्राप्त हुए।