जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड की विकट चुनौती से निपटने में सरकारी और गैर सरकारी कार्मिकों का तन-मन-धन से जो सहयोग सरकार को मिला है, उसी का परिणाम है कि राजस्थान कोरोना की जंग में देश में सबसे आगे खड़ा है। कोरोना की लड़ाई अभी लंबी चलेगी, लेकिन आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाना जरूरी है। इसके लिए सभी कर्मचारी समर्पण भाव से काम करें।
गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से कोविड को लेकर संवाद कर रहे थे। उन्होंने प्रदेशभर के करीब 151 कर्मचारी संगठनों के साथ चर्चा की।
गहलोत ने कहा कि संकट के समय राजस्थान सतर्क है और कोई भूखा नहीं सोए यही हमारा मूलमंत्र है। छह महीनों से जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, उद्यमियों, धर्मगुरुओं सहित समाज के सभी वर्गों से संवाद कर जो फैसले लिए गए, उससे कोरोना से लड़ने में बड़ी सहायता मिली।
हमने राजधानी से लेकर ग्राम पंचायत तक इस लड़ाई में लोगों को जोड़ा। पूरे देश ने कोरोना के खिलाफ हमारे प्रबंधन को सराहा है। गहलोत ने कहा कि जीवन बचाना हमारा पहला कर्तव्य है। इसमें धन, संसाधन और प्रयासों की कोई कमी नहीं रखेंगे।
राजस्थान पहला राज्य है, जिसने कोरोना वारियर्स के रूप में काम कर रहे सरकारी और गैर सरकारी कार्मिकों की चिंता करते हुए उन्हें 50 लाख रुपए के बीमा कवर की सुविधा प्रदान की। कोरोना के गंभीर रोगियों के लिए प्लाज्मा थेरेपी आरंभ हुई है। उन्होंने कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे प्लाज्मा डोनेशन के लिए लोगों को प्रेरित करें।