जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थितियों पर समीक्षा की। गहलोत ने कहा कि कोविड के उपचार और संक्रमण की रोकथाम के लिए संसाधनों में कोई कमी नहीं रखी जा रही है। जिला प्रशासन, चिकित्सकों और अन्य अधिकारियों की यह जिम्मेदारी बनती है कि लापरवाही के कारण एक भी व्यक्ति की जान नहीं जाए। किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
गहलोत ने अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संभागीय आयुक्तों, पुलिस महानिरीक्षक, जिला कलक्टरों, पुलिस अधीक्षकों, मेडिकल कॉलेज प्राचार्यों और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से कोरोना स्थितियों की जानकारी ली। उन्होंनेे जिलों में कोरोना संक्रमण की स्थिति, रोकथाम, उपचार, दवाओं की उपलब्धता, कोविड केयर सेंटरों की स्थिति, प्लाज्मा थैरेपी एवं जागरूकता अभियान की भी समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला अस्पतालों के साथ-साथ सीएचसी और पीएचसी पर चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे। कोविड केयर सेंटरों में भर्ती मरीजों के उपचार एवं उनसे संबंधित जानकारी परिजनों को आसानी से मिल सके। साथ ही उपचार एवं अन्य व्यवस्थाओं को लेकर परिजनों को भटकना नहीं पड़े। इसके लिए हर सेंटर पर अनिवार्य रूप से हैल्प डेस्क की व्यवस्था हो।
गहलोत ने कहा कि प्लाज्मा थैरेपी से गंभीर रोगियों का जीवन बचाने में मदद मिल रही है। इसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि रक्तदान को लेकर आमजन में जो जागरूकता आई है उसी तरह स्वस्थ हुए कोविड रोगियों को प्लाज्मा दान करने के लिए प्रेरित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मृत्यु दर विगत दो माह से एक प्रतिशत से भी कम रही है। लेकिन संक्रमितोंं की संख्या बढ़ी है। ऐसे में ऑक्सीजन बैड एवं आईसीयू बैड की संख्या बढ़ाई जा रही है। टेस्टिंग की रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराई जाए, ताकि पॉजिटिव रोगियों को तुरंत आईसोलेट किया जा सके।