राजभवन की सुरक्षा के लिए लगाएं सीआरपीएफ
जयपुर। प्रदेश के वर्तमान राजनैतिक हालात पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल के खिलाफ लोगों को उकसाने वाला बयान दिया है, जो असंवैधानिक है और संसदीय परम्पराओं के विपरीत है।
पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री और विधायकों ने राजभवन में धरने का जो नाटक किया वह राज्यपाल पर दवाब बनाने की घटिया राजनीति है। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबन्धन कानून की धारा का भी उल्लघंन किया है, एक तरह से यह आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने संवैधानिक प्रमुख के खिलाफ लोगों को उकसाने का अपराध किया है, ऐसा राजस्थान के इतिहास में कभी नहीं हुआ है कि राजभवन को राजनीति का अखाड़ा बनाया गया हो।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री घटिया स्तर की बयानबाजी कर खुद अपने जाल में फंसते नजर आ रहे हैं। राज्य सरकार ने कैबिनेट के निर्णय से राज्यपाल को अवगत करवा दिया, तो फिर राजभवन में जाकर धरना देने का क्या मतलब है।
राज्यपाल को क्या फैसला लेना है, वह अपने संवैधानिक अधिकारों के तहत फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा राजभवन को घेरने की धमकी देने वाले बयान पर कहा कि मेरी राज्यपाल से मांग है कि ऐसे हालात से निपटने के लिए सीआरपीएफ लगाकर राजभवन की कड़ी सुरक्षा कर देनी चाहिए।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका उप मुख्यमंत्री से करीब डेढ़ साल से कोई संवाद नहीं है, तो इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस में चल रहे झगड़े की वजह स्वयं मुख्यमंत्री की हठधर्मिता है, तो फिर भाजपा पर बार-बार क्यों मुख्यमंत्री झूठे आरोप लगा रहे हैं।