जयपुर

नगर निगम अब करेगा सफाईकर्मियों के दस्तावेजों की जांच

फर्जी नियुक्तिपत्र मामले में पुलिस को भेजा परिवाद

जयपुर। नगर निगम में सफाईकर्मियों के मामले में चल रहे भ्रष्टाचार की परतें खुलने के बाद अब नगर निगम को होश आया है। सोमवार को निगम मुख्यालय में फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर ज्वाइनिंग के लिए आए तीन लोगों के पकड़े जाने के बाद नगर निगम ने सफाई शाखा में लगे फर्जी सफाईकर्मियों की जांच के आदेश दिए हैं, ताकि यह पता चल सके कि कहां-कहां फर्जी सफाईकर्मी लगे हुए हैं।

इस संबंध में बुधवार को निगम की उपायुक्त कार्मिक कविता चौधरी ने वर्ष 2018 में नियुक्त सफाईकर्मियों की व्यक्तिगत पत्रावलियों की जांच के लिए सभी जोन उपायुक्तों को नोटिस जारी किया है।

नोटिस में फर्जी नियुक्ति पत्र मामले का हवाला देकर लिखा गया है कि वर्ष 2018 में 4957 अभ्यर्थियों को सफाई कर्मचारी के रूप में नियुक्तियां दी गई थी। अत: नियुक्त सफाईकर्मियों की सूची से मिलान कर संबंधित कार्मिकों की सत्यापित सूची पत्र प्राप्ति के बाद तुरंत उपायुक्त कार्मिक को उपलब्ध कराई जाए।

जानकारी के अनुसार फर्जी नियुक्ति पत्र मामले में बुधवार को कार्मिक शाखा के अधिकारियों ने निगम ग्रेटर और हेरिटेज के आयुक्तों से चर्चा की गई। चर्चा के बाद दोनों आयुक्तों ने इस मामले में पुलिस में मामला दर्ज कराने के निर्देश प्रदान कर दिए। इसके बाद सतर्कता शाखा की ओर से ज्योति नगर थाने में परिवाद दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि क्लियर न्यूज डॉट कॉम ने सबसे पहले सोमवार को फर्जी नियुक्ति पत्र मामले को उजागर किया था और ‘नगर निगम में फर्जी सफाईकर्मी घोटाला’ खबर प्रकाशित कर बताया था कि नगर निगम में करीब 119 फर्जी सफाईकर्मी काम कर रहे हैं।

मंगलवार को ‘जिन्हें पुलिस को सौंपना चाहिए था, उन्हें घर भिजवा दिया खबर प्रकाशित कर बताया था कि निगम अधिकारी इस मामले को दबाने में जुटे हुए हैं। इसी के चलते काफी समय तक न तो जांच के आदेश निकाले गए और न ही पकड़े गए तीन युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। दोनों खबरों के प्रकाशन के बाद निगम प्रशासन हरकत में आया और इस मामले में जांच कराने के साथ पुलिस में परिवाद दर्ज कराया गया।

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