स्वतंत्रता दिवस राजधानी के लिए खुशखबरी लेकर आया, जब ऊंची इमारतों में आग लगने की स्थिति पर काबू पाने के लिए 70 मीटर एयर हाइड्रोलिक प्लेटफार्म (air hydraulic platform) जयपुर पहुंची। इस हाइड्रोलिक प्लेटफार्म के पहुंचने के बाद अब जयपुर में 32 मीटर से अधिक ऊंची इमारतों के निर्माण के लिए मंजूरी मिलने की संभावना है। ज्यादा ऊंचाई तक आग बुझाने की सुविधा नहीं होने के कारण जयपुर में 32 मीटर से अधिक ऊंची इमारत के निर्माण पर रोक है। फिलहाल इसे वीकेआई स्थित फायर स्टेशन पर रखा गया है।
जानकारी के अनुसार इस एएचपी के फायर ब्रिगेड बेड़े से जुड़ने के बाद हाई कोर्ट की ओर से 32 मीटर से ऊंची इमारतों पर लगाई गई रोक हट सकेगी। मुख्य अग्निशमन अधिकारी ग्रेटर नगर निगम जगदीश फुलवारी ने बताया कि रविवार को 70 मीटर एयर हाइड्रोलिक प्लेटफार्म जयपुर पहुंची है। अब राजधानी में जगतपुरा, मानसरोवर, राजापार्क, वैशाली नगर जैसे क्षेत्र में मौजूद ऊंची इमारतों में आग लगने की स्थिति पर काबू पाने में ग्रेटर नगर निगम सक्षम होगा।
18 करोड़ की लागत वाली इस एएचपी को फिनलैंड से खरीदा गया है। उच्च न्यायालय ने फिलहाल 32 मीटर से ऊंची इमारतों को बनाने पर रोक लगा रखी है,लेकिन अब इस एएचपी के आने के बाद हाईकोर्ट में जवाब पेश किया जाएगा कि निगम प्रशासन के पास 70 मीटर तक आग बुझाने और रेस्क्यू का संसाधन मौजूद है और रोक हटाने का आग्रह किया जाएगा। चूंकि पहले फायर डिपार्टमेंट के पास 42 मीटर एयर हाइड्रोलिक लेडर प्लेटफार्म मौजूद थी, लेकिन अब 70 मीटर ऊंची एयर हाइड्रोलिक प्लेटफार्म फायर ब्रिगेड के बेड़े के साथ जुड़ने के बाद बहुमंजिला इमारतों को परमिशन भी दी जा सकेगी।