नगर निगम जयपुर हैरिटेज में भ्रष्टाचार को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। मेयर मुनेश गुर्जर ने नगर निगम के फाइल सिस्टम को लेकर अब अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम हेरिटेज में सरकारी दस्तावेजों को बाहरी लोगों के हाथ में दिया जा रहा है, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है।
मेयर मुनेश गुर्जर ने मांग की है कि नगर निगम हेरिटेज में फाइल सिस्टम को लेकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही जो भी लोग इस गैरकानूनी काम में शामिल है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। चाहे वह नगर निगम का कोई बड़ा अधिकारी ही क्यों ना हो। मेयर मुनेश गुर्जर ने कहा कि जब मैंने फिर से नगर निगम का चार्ज संभाला है। उसके बाद से लगातार मुझे नगर निगम में हो रही गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही थी, जिसको लेकर जब मैं जांच शुरू की। पता चला कि नगर निगम की सरकारी फाइलें बाहरी लोगों के हाथ में पहुंच रही है। कुछ लोग बाय हैंड फाइलें लेकर घूमते हैं।
नियमों के विपरीत चल रहे दस्तावेज
जबकि नगर निगम की फाइलें सरकारी दस्तावेज है। वह सिर्फ ट्रेकिंग के माध्यम से ही नगर निगम के किसी अधिकारी या कर्मचारी के पास जा सकती है। लेकिन नियमों के विपरीत लोगों के हाथ में सरकारी दस्तावेज पहुंच रहे हैं, जिससे इस पूरे मामले में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की संभावना लगती है।
जांच के लिए आदेश दिए
इसलिए मैनें इस पूरे मामले की जांच शुरू करने के साथ ही नगर निगम के कमिश्नर राजेंद्र सिंह शेखावत को भी इसी मामले में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच के लिए आदेश दिए है। उन्हें जल्द से जल्द पता करना चाहिए कि आखिर सरकारी दस्तावेजों का किस तरह का इस्तेमाल किया जा रहा है। क्या इसमें कोई गड़बड़ी या भ्रष्टाचार हुआ है। उसकी भी जांच की जानी चाहिए।
सिस्टम फेलियर सहन नहीं होगा
इसके साथ ही सरकारी दस्तावेजों को इधर-उधर करने वाले अधिकारी, कर्मचारी या फिर बाहरी लोग ही क्यों न हो। उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। क्योंकि नगर निगम के सरकारी दस्तावेज नियमों के विपरीत आम हाथों में जाना एक बहुत बड़ा फेलियर है। जिसे मैं किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करूंगी।