जयपुर

नगर निगम जयपुर हैरिटेज (Nagar Nigam Jaipur Heritage) की महापौर (Mayor) मुनेश गुर्जर के पति पर सरकारी ऑफिस के दुरुपयोग (misusing) के लगे आरोप

नगर निगम जयपुर हैरिटेज (Nagar Nigam Jaipur Heritage) की महापौर (Mayor) मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर पर सरकारी ऑफिस के दुरुपयोग (misusing) और निगम के कार्यों में हस्तक्षेप के आरोप लगे हैं। मुस्लिम परिषद संस्थान ने मुख्यमंत्री और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को पत्र लिख इस सम्बंध में शिकायत की है। पत्र में महापौर कक्ष पास स्थित चैंबर में बैठकर ठेकेदारों और लाईजनर से मिलने का आरोप लगाया है।

मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में आयोप लगाया गया है कि हेरिटेज निगम कार्यालय में महापौर मुनेश गुर्जर के कक्ष से लगते हुए चैंबर में महापौर पति सुशील गुर्जर आगंतुकों से मुलाकात करते हैं। महापौर पति से मिलने वालों को पर्ची भेजने पर ही महापौर पति से मिलने दिया जाता है। पर्ची पहुंचाने का काम महापौर के पास तैनात निगम का होमगार्ड पहुंचाते हैं।

मुस्लिम परिषद संस्थान के अध्यक्ष यूनुस चौपदार ने कहा कि महापौर पति निगम ऑफिस में ठेकेदार से मिलते हैं। हेरिटेज निगम में नियमविरुद्ध महापौर और महिला पार्षदों के पतियों व परिवार के अन्य सदस्यों का खुलेआम हस्तक्षेप दिखाई देना आम है। वार्डों में लगे नामसूचक बोर्ड पर भी महिला पार्षदों के नाम के साथ उनके पति और पुत्र के नाम लिखे दिखाई पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर आदेश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों की ओर से सरकार के आदेशों की पालना नहीं की जा रही है।

हाल ही में वार्ड नं 4 के पार्षद पति को भ्रष्टाचार के प्रकरण मे एसीबी की ओर से गिरफ्तार किया जाना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने इसे गंभीर विषय बताते हुए कहा कि एक ओर सरकारें महिला सशक्तिकरण का दावा करती है. वहीं सरकारी दफ्तरों में ही महिलाओं के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। चौपदार ने पत्र में कहा है कि महापौर पति सुशील गुर्जर का महापौर के प्रभाव से राजकीय संपत्ति और संसाधनों का दुरुपयोग करना नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। इससे पहले भी सुशील गुर्जर महापौर के साथ निगम से जुड़े अधिकतर कार्यक्रमों में देखने को मिलते रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि जयपुर नगर निगम ग्रेटर में निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर को बीवीजी कंपनी के साथ डील में रिश्वत मांगने के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। राजाराम अभी भी न्यायिक अभिरक्षा में है। इस प्रकरण से ये स्पष्ट है कि राजाराम गुर्जर नगर निगम के कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप करता था। तो फिर हैरिटेज महापौर के पति सुशील गुर्जर पर महापौर कार्यालय में लोगों से मिलने के मामले को जनप्रतिनिधि के अधिकार और शक्तियां किसी दूसरे को ट्रांसफर करने का मामला क्यों नहीं माना जा रहा है।

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