राष्ट्रीय डेयरी बोर्ड की रिपोर्ट में पाया गया है कि तिरुपति मंदिर के प्रसादम या प्रसाद के लिए लड्डू बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री में “बीफ टैलो, सूअर की चर्बी और मछली के तेल” इस्तेमाल किया गया था।
तिरुपति मंदिर के प्रसादम या प्रसाद के लिए लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए गए घी का परीक्षण किया गया और गुरुवार को इस मामले की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रसादम के इस घी में विदेशी वसा मिली हुई थी। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (CALF) की रिपोर्ट के अनुसार, घी के नमूने में “बीफ टैलो, सूअर की चर्बी और मछली के तेल” की उपस्थिति पाई गई।
रिपोर्ट में अपनी कार्यप्रणाली का वर्णन करते हुए कहा गया, “नमूना कोड AB021253 के लिए सभी समीकरणों का S मान विधि द्वारा निर्धारित सीमा से बाहर गिर रहा है। यदि कोई S मान संबंधित सीमाओं के बाहर गिरता है, तो नमूने में विदेशी वसा होने पर विचार करें।”
रिपोर्ट में संभावित विदेशी वसाओं की सूची दी गई, जिसमें सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून, रेपसीड, अलसी, गेहूं के अंकुर, मक्का के अंकुर, कपास के बीज, मछली का तेल, नारियल और पाम कर्नेल वसा, पाम तेल, बीफ टैलो और लार्ड शामिल हैं।
विजिलेंस विभाग ने वाईएसआरसीपी नेता और टीटीडी यानी तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी को प्रसाद और लड्डू की तैयारी में धन के गबन और मिलावटी सामग्री के उपयोग के आरोपों पर नोटिस जारी किया है। वाईवी सुब्बा रेड्डी ने इन आरोपों का जवाब देने के लिए विजिलेंस विभाग से अतिरिक्त डेटा मांगा है।
उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को आरोप लगाया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू, जो एक पवित्र मिठाई है, बनाने में घटिया सामग्री और पशु वसा का उपयोग किया गया था। हालांकि, जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसी पार्टी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
बता दें कि तिरुपति लड्डू प्रसादम तिरुपति के प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर में दिया जाता है, जिसे तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा संचालित किया जाता है।
नायडू ने बुधवार को यहां एनडीए विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए दावा किया था , “यहां तक कि तिरुमला लड्डू भी घटिया सामग्री से बनाया गया था… उन्होंने घी की जगह पशु वसा का इस्तेमाल किया।” मुख्यमंत्री ने कहा कि अब शुद्ध घी का उपयोग किया जा रहा है और मंदिर में सब कुछ स्वच्छ कर दिया गया है, जिससे गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
हालांकि, वरिष्ठ वाईएसआरसीपी नेता और पूर्व टीटीडी अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने नायडू के आरोप को “दुर्भावनापूर्ण” बताया और कहा कि टीडीपी सुप्रीमो राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं।
आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने इस मुद्दे पर जगन मोहन रेड्डी प्रशासन को निशाना बनाते हुए कहा, “तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी का मंदिर हमारा सबसे पवित्र मंदिर है। मुझे यह जानकर झटका लगा कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी प्रशासन ने तिरुपति प्रसादम में घी की जगह पशु वसा का इस्तेमाल किया।” लोकेश ने आरोप लगाया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार करोड़ों भक्तों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान नहीं कर सकी।
वाईएसआरसीपी नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्बा रेड्डी, जिन्होंने दो कार्यकालों तक टीटीडी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, ने आरोप लगाया कि नायडू ने अपने बयानों से पवित्र तिरुमला की पवित्रता और करोड़ों हिंदुओं की आस्था को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है।
सुब्बा रेड्डी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “तिरुमला प्रसादम के बारे में उनकी टिप्पणियां बेहद दुर्भावनापूर्ण हैं। कोई भी व्यक्ति ऐसे शब्द नहीं बोलेगा या ऐसे आरोप नहीं लगाएगा।”