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राष्ट्रीय शिक्षा नीति का राज्य में चरणबद्ध तरीके से होगा क्रियान्वयन

जयपुर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वयन किया जाएगा। बदलते वैश्विक परिदृश्य में ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्थाओं की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए शिक्षा में गुणवत्ता, नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने की आवश्यकता है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा के लिए आवश्यक राष्ट्रीय भावनाओं और बारीकियों का समावेश परिलक्षित हो रहा है।

मिश्र मंगलवार को राजभवन से वीडियो कान्फ्रेंन्स के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए आयोजित टास्क फोर्स की विशेष बैठक को संबोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि राज्य में उच्च शिक्षा की चुनौतियों और कोविड-19 के दौरान विश्वविद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्था के लिए मिश्र की पहल पर 10 अप्रेल को टास्क फोर्स का गठन किया गया था। इस टास्क फोर्स की बैठकें लगातार हो रही हैं। अब तक इसकी आठ बैठकें आयोजित हो चुकी हैं।

इन बिंदुओं पर होगा क्रियान्वयन

-राज्यपाल ने कुलपतियों से कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ऐसे बिन्दुओं को सर्वप्रथम चिन्हित किया जाए, जिन्हें विश्वविद्यालयों में एक माह में आसानी से प्रारम्भ किया जा सकता है। विश्वास के साथ गहन चिंतन के अनुरूप कार्य करें ताकि विधिक बाधाओं का भी निराकरण हो सके।

-राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जिन बिन्दुओं पर वृहद योजना बनानी है, उसके लिए एक सप्ताह मे उप समितियों का गठन करें और एक से दो माह में योजना का प्रारूप समितियों से प्राप्त कर लें।

-राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार जिन समितियों, परिषदों में विश्वविद्यालय स्तर पर परिवर्तन किए जाने हैं, उसके लिए कुलपतिगण समयानुसार कार्यवाही करें।

मिश्र ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को राज्य में लागू करने के लिए राज्य विश्वविद्यालयों का प्रारंभिक रोडमैप तैयार हो गया है। कुलपतियों ने अपने-अपने विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं को अध्ययन माइक्रो टास्क फोर्स से करा लिया है। सुझावों पर फीडबैक लेने के लिए आगामी 21 से 23 अक्टूबर तक तीन दिवसीय कुलपति संवाद होगा।

मिश्र ने कहा कि कई विश्वविद्यालयों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप वर्तमान में स्थापित अकादमिक व प्रशासनिक ढांचें में बदलाव, नए स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम शुरू करने, एकेडमिक क्रेडिट पाइंट्स को राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार पूर्वक फार्मूलेट करने, बहुस्तरीय प्रवेश व निकास विषयों पर राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों में एकरूपता और केन्द्र सरकार से डिजिटलाइजेशन कार्यक्रम हेतु वित्तीय सहायता प्रदान कराने के लिए सुझाव दिए हैं।

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