जयपुरस्वास्थ्य

निरोगी राजस्थान के संकल्प को साकार करने के लिए प्रदेश में 8 राजकीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना

Rajasthan: आयुर्वेद राज्य मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने शुक्रवार 21 जुलाई को विधानसभा में कहा कि मुख्यमंत्री की निरोगी राजस्थान के संकल्प को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए प्रदेश में 8 योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय खोले गए हैं। उन्होंने बताया कि उदयपुर एवं जोधपुर के महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र शुरू कर दिये गए हैं। जबकि अन्य महाविद्यालयों के लिए भूमि के आवंटन की प्रक्रिया हो चुकी है तथा शीघ्र ही भवन निर्माण की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए राज्य सरकार द्वारा बजट का आवंटन भी कर दिया गया है।
आयुर्वेद राज्य मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि कि जोधपुर एवं उदयपुर में पहले से संचालित महाविद्यालयों में ही इन महाविद्यालयों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि शेष 6 एकीकृत महाविद्यालयों के भवन निर्माण के लिए 24 करोड़ रुपये तथा अन्य आवश्यकताओं हेतु 39 करोड़ 60 लाख का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि उदयपुर महाविद्यालय के लिए 3 करोड़ 27 लाख तथा जोधपुर महाविद्यालय के लिए 3 करोड़ 44 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि जोधपुर एवं उदयपुर के अलावा अन्य 6 महाविद्यालयों के लिए कुल 192 पद स्वीकृत किये गए हैं।
डॉ. गर्ग ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा एकीकृत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रणाली को विकसित करने की दिशा में बड़े कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 19 सरकारी एवं निजी महाविद्यालय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के खोले गए हैं, जिनमें एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी तथा योग नैचुरोपैथी चिकित्सा की सुविधाएं एक साथ उपलब्ध हैं।
इससे पहले आयुर्वेद राज्य मंत्री ने विधायक श्रीमती किरण माहेश्वरी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि बजट घोषणा वर्ष 2021-22 में उदयपुर एवं जोधपुर में योग एवं प्राकृतिक चिकित्‍सा के महाविद्यालय खोलने घोषणा की गई थी, जिसकी अनुपालना में उक्‍त स्‍थानों पर महाविद्यालय खोले जाकर शैक्षणिक सत्र प्रारंभ कर दिये गये हैं।
उन्होंने बताया कि इन महाविद्यालयों में योग एवं प्राकृतिक चिकित्‍सा के 6 विभाग संचालित होने हैं। प्रथम वर्ष में दर्शन, संहिता, सिद्धान्त (संस्कृत शिक्षा) तथा शरीर रचना/क्रिया शरीर/जैव रसायनिक विज्ञान संचालित किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि द्वितीय वर्ष में रोग एवं विकृति विज्ञान/ माईक्रोबायोलॉजी , स्वस्थवृत, आहार एवं पोषण विज्ञान, आहार द्रव्य तथा प्राकृतिक विज्ञान संचालित किये जाएंगे तथा तृतीय वर्ष में योग विज्ञान एवं मनोविज्ञान विभाग संचालित किये जाएंगे
डॉ गर्ग ने बताया कि शैक्षणिक वर्ग में उदयपुर व जोधपुर के लिये प्रत्‍येक महाविद्यालय के लिए 7-7 पद तथा अशैक्षणिक वर्ग में क्रमश: 19 व 27 पद स्वीकृत किये गये हैं। उन्होंने बताया कि इन महाविद्यालयों से संबंधित चिकित्‍सालयों की भी साथ में ही स्‍थापना की गई है।
आयुर्वेद राज्य मंत्री ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्‍सा संबंधित चिकित्‍सा विधा जैसे एनिमा, मिट्टी चिकित्‍सा, जल चिकित्‍सा, सूर्य किरण चिकित्‍सा, स्‍टीम बाथ, मालिश, सेक, एक्यूपंचर, एक्यू प्रेशर, मैगनेट थैरेपी, क्रोमोथैरेपी, योग एवं आहार चिकित्‍सा इत्‍यादि चिकित्‍सा सुवि‍धाऐं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

Related posts

पेयजल प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन में हो रही देरी पर जलदाय मंत्री ने अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी

admin

राजधानी में घुसा पैंथर 14 घंटे बाद आया काबू में

admin

राजस्थान के पर्यटन स्थलों पर तड़ित चालक लगाने का कार्य जल्द होगा पूरा

admin