राजनीति

‘धर्म का कभी अपमान नहीं किया’: ममता बनर्जी ने ‘मृत्यु कुंभ’ टिप्पणी पर दी सफाई

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए महाकुंभ मेले के दौरान हुई मौतों का मुद्दा उठाया और मांग की कि योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा घोषित मुआवजा तुरंत जारी किया जाए।
उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या वास्तव में इस वर्ष का महाकुंभ मेला 144 वर्षों के अंतराल के बाद हो रहा है, और विशेषज्ञों से इस दावे की पुष्टि करने का आग्रह किया।
कुंभ मेला: मुआवजे की मांग
• ममता बनर्जी ने कहा, “यूपी सरकार ने कुंभ मेले के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक राशि जारी नहीं की गई।”
• यात्रियों की मौत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “कई श्रद्धालु हादसों में मारे गए, ट्रेन पकड़ने की कोशिश में या अन्य दुर्घटनाओं में जान गंवा बैठे। सभी को उचित मुआवजा मिलना चाहिए।”
• यूपी सरकार ने कुंभ मेले के दौरान मृतकों के परिवारों को ₹25 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया था।
‘मृत्यु कुंभ’ टिप्पणी पर सफाई
• ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि उनके ‘मृत्यु कुंभ’ बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।
• उन्होंने कहा, “अगर मैं कोई बड़ा आयोजन कर रही हूं, तो मेहमानों की संख्या को ध्यान में रखते हुए तैयारी करूंगी। धार्मिक आयोजनों के लिए भी यही योजना होनी चाहिए।”
• “मैंने सिर्फ अव्यवस्था की ओर इशारा किया, लेकिन इसे गलत तरीके से पेश किया गया। मैंने कभी किसी धर्म का अपमान नहीं किया और न ही करूंगी।”
बीजेपी ने उनकी टिप्पणी को हिंदुओं का अपमान बताया था और इस पर विवाद खड़ा कर दिया था।
गंगासागर मेले से तुलना
• ममता बनर्जी ने गंगासागर मेले में उनकी सरकार द्वारा किए गए इंतजामों का उल्लेख किया।
• “गंगासागर मेले के दौरान हम चार-पांच दिन तक सोते भी नहीं हैं। दुर्गा पूजा के समय भी हम सतर्क रहते हैं ताकि कोई अनहोनी न हो।”
• उन्होंने 2011 के एक निजी अस्पताल में आग की घटना का हवाला देते हुए कहा, “हमने पूरी रात जागकर पोस्टमार्टम कराया, मौत के प्रमाण पत्र जारी किए और तत्काल मुआवजा दिया।”
• उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी सरकार ने कुंभ मेले के दौरान मृतकों के परिवारों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं किए, जिससे बंगाल सरकार को यह काम करना पड़ा।
मीडिया पर नियंत्रण और महाकुंभ के 144 साल वाले दावे पर सवाल
• ममता बनर्जी ने बीजेपी सरकार पर मीडिया को नियंत्रित करने का आरोप लगाया, जिससे कुंभ में हुई मौतों की सही रिपोर्टिंग नहीं हो सकी।
• उन्होंने दावा किया, “गंगासागर मेला हर साल होता है, लेकिन महाकुंभ हर 12 साल में होता है। 2014 में कुंभ हुआ था, तो फिर 144 साल बाद कैसे हो सकता है?”
उन्होंने विशेषज्ञों से इस दावे की पुष्टि करने की अपील की।
शिवरात्रि और अन्य त्योहारों पर अपील
• ममता बनर्जी ने महाशिवरात्रि, होली (डोल यात्रा) और रमज़ान के पवित्र महीने की बधाई दी।
• उन्होंने सभी धर्मों के लोगों से शांति बनाए रखने और त्योहारों को आपसी सहयोग से मनाने की अपील की।
• “धर्म व्यक्ति का निजी मामला है, लेकिन त्योहार सबके होते हैं। सभी को सौहार्द के साथ उत्सव मनाना चाहिए।”
यह बयान दिखाता है कि ममता बनर्जी ने कुंभ मेले की अव्यवस्था की आलोचना तो की, लेकिन किसी धर्म का अपमान करने से इनकार किया।

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