अदालतदिल्ली

पीएम मोदी द्वारा नये संसद भवन का उद्घाटन कराने की बजाय राष्ट्रपति से करवाने संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट रद्द करते हुए याचिकाकर्कता को चेतावनी देते हुए कहा. ऐसी याचिका फिर लगायी तो लगेगा जुर्माना..!

भारत के नये संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बजाय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उद्घाटन की मांग वाली एक जनहित याचिका पर आज सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को सख्त लहजे में चेतावनी दे डाली। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा है कि अगर उसने ऐसी याचिका फिर से लगाई तो कोर्ट उसके ऊपर जुर्माना लगाएगा। शीर्ष न्यायालय की एक अधिवक्ता जया सुकिन ने यह याचिका, 28 मई को नये संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने के कार्यक्रम को लेकर छिड़े एक बड़े विवाद के बीच दायर की थी।
पीएम 75 रुपये का सिक्का करेंगे जारी
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नये संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर 75 रुपये का सिक्का जारी करेंगे। दरअसल, 28 मई को देश के नए संसद भवन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करने वाले हैं। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई, जिसमें नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने की मांग की गई। याचिका में कहा गया कि लोकसभा सचिवालय ने उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करके संविधान का उल्लंघन किया है। अधिवक्ता जया सुकिन ने सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर जनहित याचिका दायर की थी।
अदालत ने यह कहा
शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि हमें पता है कि यह याचिका क्यों दाखिल की गई है। कोर्ट ने पूछा कि आखिर इस याचिका से किसका भला होने वाला है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि ऐसी याचिका पर सुनवाई करना हमारा काम नहीं है और याचिका का खारिज कर दिया। इस दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर फिर से ऐसी याचिका दाखिल की तो जुर्माना लगाया जाएगा।
बता दें कि करीब 20 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति को दरकिनार किये जाने के विरोध में उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। बुधवार को 19 राजनीतिक दलों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘जब लोकतंत्र की आत्मा को संसद से बाहर निकाल दिया गया है, तब हमें एक नये भवन का कोई महत्व नजर नहीं आता।’’ वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने इस तिरस्कारपूर्ण फैसले की निंदा की।

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