जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की स्पेशन यूनिट सेकंड ने एडिशनल एसपी पुष्पेंद सिंह के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए गुरुवार को नगर निगम के कनिष्ठ अभियंता अंकुर मिश्रा को 9 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया।
ब्यूरो अधिकारियों के अनुसार अंकुर नगर निगम मुख्यालय में आयोजना शाखा में तैनात है। परिवादी कमलेश के मकान के पट्टे की सर्वे रिपोर्ट पॉजिटिव बनाने की एवज में अंकुर ने 30 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। वह पूर्व में परिवादी से 21 हजार रुपए की रिश्वत वसूल चुका था और आज सीकर रोड पर खेतान हॉस्पिटल के सामने वह कमलेश से शेष राशि वसूल करने के लिए आया था।
अंकुर के ट्रेप होने की खबर नगर निगम में जंगल में आग की तरह फैल गई। बड़ी संख्या में आयोजना शाखा के अधिकारी और कर्मचारी अपनी सीट छोड़कर भाग खड़े हुए। दिनभर निगम में इसी ट्रेप की चर्चा चलती रही। दोपहर बाद तो निगम में अधिकारियों-कर्मचारियों की संख्या काफी कम हो गई।
उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पूर्व निगम की इसी आयोजना शाखा में फर्जी पट्टा प्रकरण हुआ था। इसी के बाद से ही यहां प्लाटों के पट्टे बनाने का काम ठप्प पड़ा था। जिन लोगों को पट्टों की जरूरत थी, उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों पैसे लेकर पट्टे बनाए जा रहे थे। यह खेल लंबे समय से चल रहा था। अब एसीबी के ट्रेप के बाद यहां पट्टे बनाने का काम फिर से ठप्प हो जाएगा।