केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा है कि मेरा सपना है दिल्ली-जयपुर इलेक्ट्रिक हाईवे (Delhi -Jaipur electric highway) बनाया जाए। इस इलेक्ट्रिक हाईवे पर बस, ट्रक सहित सभी इलेक्ट्रिक वाहन ही चलें। इलेक्ट्रिक हाईवे को आगे मूर्त रूप दिया जाएगा।
गडकरी दौसा में गुरुवार को मुंबई-दिल्ली ग्रीनफील्ड हाईवे के निरीक्षण के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली से किशनगढ़ तक हाईवे सुधार के लिए नया डीपीआर बनवाया है। 1200 करोड़ की लागत से फ्लाईआवेर बनाने सहित सुधार के काम होंगे। डेढ साल में 100 प्रतिशत परफेक्ट हो जाएगा। दिल्ली जयुपर हाईवे पर कई जगह अतिक्रमण है। इसे जल्द ठीक कर दिया जाएगा।
पहले फेज में स्कूटर-मोटरसाइकिल चलेंगे इथेनॉल से
गडकरी ने कहा कि आगे हम डीजल-पेट्रोल की जगह देश में इथेनॉल से वाहन चलाना चाहते हैं। इसके लिए हम कानून में बदलाव करने जा रहे हैं। पहले फेज में दो साल में स्कूटर और मोटरसाइकिल इथेनॉल से चलाने की व्यवस्था होगी। इथेनॉल 65 रुपए लीटर में मिलेगा जबकि पेट्रोल इससे बहुत महंगा पड़ता है।
वाहनों के हॉर्न से निकलेगी तबले-हारमोनियम की धुनें
गडकरी ने बताया कि वाहनों के हॉर्न में अब भारतीय म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स की धुन सुनाई देगी। वाहनों के हॉर्न में अब सारंगी, तबला, हारमोनियम सहित भारतीय म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट की धुनें लगाई जाएंगी। इससे साउंड पॉल्युशन कम होगा। वन्यजीवों के आसपास होकर गुजरने वाले हाईवेज से वन्यजीव परेशान नहीं होंगे।
दिल्ली जयपुर हाईवे पर चार ठेकेदार भागे, दो का दिवाला पिटा
दिल्ली जयपुर हाईवे पर कई जगह खामियों के सवाल पवर गडकरी ने कहा कि दिल्ली-जयपुर हाईवे के चार ठेकेदार भाग गए। दो का दिवाला पिट गया। इस हाईवे को लेकर वसुंधरा राजे से 25 बार मीटिंग की। 12 बैंकों के 1300 करोड़ के लोन को लेकर विवाद हुए। अब किशनगढ तक फ्लाईओवर सहित सुधार के काम डेढ़ साल में पूरे हो जाएंगे। दिल्ली-जयपुर हाईवे की तकलीफ के लिए पूरी तरह मैं जिम्मेदार नहीं। मेरे आने के पहले इसका टेंडर हो चुका था। फिर भी इस पर काम हुआ है और आगे इसे ठीक किया जाएगा।
करोड़ों के भाव आए, तो भी किसान किसी को जमीन नहीं बेचे
गडकरी ने कहा कि ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के आसपास राजस्थान सरकार जमीन एक्वायर करे, आप देरी करोगे तो नेता, बिल्डर लोग पहले जमीन ले लेते हैं। बेचारे गरीब किसान जमीन बेच देते हैं। मैं किसानों से कहना चाहता हूं, जमीन पर करोड़ों का भाव आए तो भी बेचना मत, इसे रोककर रखिए। किसी डवलपर के साथ जॉइंट वेंचर करके जमीन को डवलप करके करोड़ों कमा सकते हैं।
आजकल लोग हमारे पास हाईवे के लिए जमीन अवाप्त करने के लिए ज्ञापन लेकर आते हैं क्योंकि हम बाजार भाव से ज्यादा पैसा देते हैं। पहले जमीन अवाप्त नहीं करने के ज्ञापन लेकेर आते थे अब ऐसा नहीं है। उन्होंने बस में बैठकर पूरे हाइवे का गहन निरीक्षण भी किया।