केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार, 1 फरवरी 2022 को संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का पहला कागज रहित बजट (Union Budget) पेश किया। उन्होंने अपने पूर्ण कार्यकाल का चौथा बजट पेश करते हुए एक ओर रोजगार, मकान और शिक्षा को लेकर अनेक घोषणाएं कीं और दूसरी ओर उन्होंने आयकर (Income tax) में किसी प्रकार की राहत नहीं दी। वित्त मंत्री ने पीएम आवास योजना से लेकर 1486 अनुपयोगी कानूनों को खत्म करने की घोषणा भी तो क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) को वैधानिक भी बना दिया। इसके लिए भारत की ओर से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया डिजिटल करंसी की शुरुआत की जाएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय बजट अमृत काल के अगले 25 वर्षों का ब्लू प्रिंट है। मोदी सरकार ने आजादी के 100 सालों को अमृत काल की संज्ञा दी है। 1947 में मिली आजादी के अभी 75 वर्ष हो गए हैं और 100 वर्ष पूरा होने में 25 वर्ष बाकी हैं।
9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी जीडीपी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मौजूदा वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर 9.2% रहने का अनुमान है, ये बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज़्यादा है। आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक जैसी अंतरराष्ट्री एजेंसियां भी भारत की जीडीपी वृद्धि दर दुनिया में सबसे तेज रहने का अनुमान जताया है। उन्होंने कहा कि वित्तीय घाटे को वित्त वर्ष 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत के नीचे लाने का लक्ष्य पूरा करने के लिए सभी प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वित्तीय घाटे को 6.4 प्रतिशत तक रोकने का लक्ष्य रहेगा। वित्त वर्ष 2023 में कुल खर्च 39.45 लाख करोड़ रुपये जबकि उधारी के सिवा कुल आमदनी 22.84 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
कॉर्पोरेट टैक्स दरों में कटौती
केंद्रीय बजट 2022-23 में को-ऑपरेटिव सोसाइटी के लिए 18 प्रतिशत की टैक्स दर को घटाकर 15 प्रतिशत करने और सरचार्ज को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके साथ ही, इनकम बेस को भी 1 करोड़ की जगह 10 करोड़ किए जाने की घोषणा की गई।
किप्टोकरंसी को वैधानिक बनाया गया
वित्त मंत्री ने भारत में क्रिप्टोकरंसी को वैधानिक बना दिया है और न केवल इससे होने वाले लाभ पर बल्कि हानि होने पर भी 30 फीसदी करारोपण का प्रावधान किया है। वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि इसके लिए भारत की ओर से डिजिटल करंसी की शुरुआत की जाएगी।
एमएसपी सीधे किसानों के खाते में और आर्गेनिक खेती को बढ़ावा
वित्त मंत्री ने बजट घोषणाओं में कहा कि अब एमएसपी का भुगतान सीधे किसानों के खाते में किया जाएगा। इसके अलावा गंगा के किनारों के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाली जमीन पर ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। खेती की जमीन के दस्तावेजों का डिजिटलीकरण होगा। राज्यों को खेती की लागत में कमी करने के लिए एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सिलेबस बदलने को कहा जाएगा।
आईटीआर भरने में गड़बड़ी तो सुधार का मौका
आयकर विभाग को पता चलता है कि कोई टैक्स पेयर आईटीआर नहीं भरा है तो फिर लंबी प्रक्रिया शुरू होती है। इस झंझट से मुक्ति देने के लिए टैक्स भरने में चूक पर सुधार का मौका दिया जाएगा। अब आईटीआर भरने में गड़बड़ी हुई तो दो साल तक सुधार करने का मौका।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर
रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया अभियान के तहत घरेलू उद्योगों को बढ़ावा घरेलू स्तर पर क्षमता विस्तार के लिए रक्षा क्षेत्र को बड़ी मदद की जाएगी। रक्षा क्षेत्र में रिसर्च, एआई और एसपीवी को बढ़ावा देने पर जोर। रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान के क्षेत्र में स्टार्टअप्स को मौका दिया जाएगा। निजी उद्योंगो को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। रक्षा क्षेत्र के बजट में 25 प्रतिशत हिस्सा रिसर्च पर खर्च किया जाएगा।
ई-पासपोर्ट जारी किया जाएगा
नागरिकों की सुविधा बढ़ाने के लिए 2022-23 में ई-पासपोर्ट जारी किया जाएगा। लोगों को पासपोर्ट की समस्या से जूझना पड़ता रहता है। इस प्रक्रिया को आसान करने के लिए सरकार ने बड़ी पहल की है।
400 नयी पीढ़ी की वंदेमातरम रेलगाड़ियां
वित्त मंत्री ने अगले तीन वर्षों के दौरान नयी पीढ़ी की 400 वंदेभारत रेलगाड़ियां चलाने की घोषणा की। इसके अलावा 100 प्रधानमंत्री गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल भी इस दौरान विकसित किये जाएंगे। मेट्रो सिस्टम को विकसित करने के लिए इनोवेटिव रास्ते अपनाए जाएंगे।
पीएम गति शक्ति का मास्टर प्लान तैयार
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कई पुरानी योजनाओं की री-पैकेजिंग है ‘गति शक्ति’ योजना। यह योजना दो चरणों में पूरी होगी। उल्लेखनीय है कि 13 अक्टूबर 2021 को पीएम गति शक्ति योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इस योजना के माध्यम से विकास को गति मिलेगी और हर काम समय से हो सकेगा। प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के माध्यम से अगली पीढ़ी के इंफ्रास्ट्रक्चर और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को भी शक्ति मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि 100 लाख करोड़ रुपये के मास्टर प्लान में 61 फीसदी पैसा राज्य और प्राइवेट प्लेयर्स लगाएंगे।