शुक्रवार, 8 जनवरी को किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बीते 44 दिनों से बना गतिरोध समाप्त होने की उम्मीद थी। नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में हालांकि वार्ता तो हुई लेकिन किसान संगठन के नेता तीनों कृषि कानूनों को रद्द किये जाने की मांग पर और सरकार इन कानूनों को रद्द न किये जाने पर अड़े रहे। इस तरह 9वें दौर की वार्ता बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई। अब अगले दौर की वार्ता 15 जनवरी को होना तय हुआ है।
किसान संगठनों कोई विकल्प नहीं दिया
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि किसान संगठनों ने तीनों कानूनों को रद्द किये जाने की मांग के अलावा कोई विकल्प पेश नहीं किया और परिणास्वरूप वार्ता में कोई फैसला नहीं हो सका। करीब दो घंटों तक बैठक हुई और इसके बाद तोमर ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि अगली वार्ता में किसान संगठनों के प्रतिनिधि कोई विकल्प पेश करेंगे, ऐसा होने पर ही कोई समाधान निकलेगा। इस तरह उन्होंने नये कृषि कानूनों को रद्द करने किसानों की मांगों को सिरे से खारिज कर दिया।