बीते दिनों भारत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए बासमती चावल के अलावा सभी तरह के चावल निर्यात पर रोक लगा दी है। भारत सरकार ने घरेलू मांग को देखते हुए और खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए यह फैसला लिया है। हालांकि भारत के इस कदम का पूरी दुनिया पर बड़ा असर पड़ रहा है। कई देशों में चावल खरीदने के लिए लंबी-लंबी लाइन लगना शुरू हो गई है। चावल की कीमतों में अचानक इजाफा होना शुरू हो गया है। तो चलिए जानते हैं कि कैसे भारत के चावल बैन का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है।
सबसे बड़ा चावल निर्यातक है भारत
दरअसल भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है। चावल की ग्लोबल मार्केट में भारत की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से भी अधिक है। दुनिया के 160 से भी अधिक देशों में भारत से चावल निर्यात किया जाता है। दुनिया के कई देश चावल के लिए पूरी तरह से भारत पर निर्भर है। यही कारण है कि भारत के चावल निर्यात बैन का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है।
इन पांच देशों पर सबसे ज्यादा असर
अमेरिका
भारत सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर अमेरिका में देखने को मिल रहा है। वहां के सुपर मार्केट्स में चावल खरीदने के लिए लोगों की लाइन लगना शुरू हो गई है। लोग चावल का स्टॉक जमा कर रहे हैं। वहां अचानक से गैर-बासमती चावल के दाम में भी बढ़ गए हैं। इसका कारण यह है कि वित्तवर्ष 2022-23 में भारत ने अमेरिका को करीब 2,040,258 क्विंटल चावल निर्यात किया था। भारत सबसे अधिक चावल अमेरिका को ही निर्यात करता है।
इटली
अमेरिका के बाद इटली पर भी भारत सरकार के इस फैसले का बड़ा असर देखने को मिल रहा है। इसका कारण यह है कि अमेरिका के बाद इटली ही वह देश है जो भारत से सबसे अधिक चावल खरीदता है। एक रिपोर्ट के अनुसार वित्तवर्ष 2022-23 में भारत ने इटली को करीब 283,674 क्विंटल चावल निर्यात किया था।
स्पेन
भारत से सबसे ज्यादा चावल खरीदने के मामले में स्पेन तीसरे नंबर पर आता है। वित्तवर्ष 2022-23 में स्पेन ने भारत से 89,923 क्विंटल चावल खरीदा था। ऐसे में भारत के गैर-बासमती चावल पर बैन लगाने से वहां भी चावल की मांग अचानक बढ़ गई है।
श्रीलंका
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका पर भी भारत के इस कदम का असर पढ़ना शुरू हो गया है। वहां भी लोगों में चावल खरीदने की होड़ मच गई है। वित्तवर्ष 2022-23 में श्रीलंका ने भारत से 60,009 क्विंटल चावल खरीदा था।
थाइलैंड
दक्षिण पूर्वी एशियाई देश थाइलैंड भी चावल के लिए भारत पर निर्भर है। वैसे तो थाइलैंड खुद भी एक चावल निर्यातक देश है, लेकिन वहां के चावल की दुनिया में ज्यादा मांग नहीं है। थाइलैंड ने वित्तवर्ष 2022-23 में भारत से 22,583 क्विंटल चावल खरीदा था। हालांकि भारत के इस कदम के बाद थाइलैंड में चावल के दाम पिछले 2 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं।