चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि बढ़ते कोरोना के चलते राज्य में जांचों में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 70 हजार कोरोना जांच प्रतिदिन करने की क्षमता है जिसे जल्द ही बढ़ाकर एक लाख किया जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है। इसके अलावा उन्होंने आमजन से सावधानी बरतने का आग्रह किया है और अन्य राज्यों से राजस्थान आने वालों से कहा है कि राज्य में प्रवेश के समय वे बीते 72 घंटों की कोरोना निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट साथ में रखें। ऐसा नहीं होने पर उन्हों 14 दिन तक होम क्वारंटीन किया जायेगा।
चिकित्सा मंत्री सोमवार को अपने राजकीय आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लापरवाही के चलते इन दिनों कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जहां फरवरी में प्रदेश भर में कोरोना से संक्रमितों की संख्या केवल 60 थी, वहीं आज यह संख्या 1700 को पार कर गई है। वैक्सीनेशन के बाद भी कोरोना होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। इसलिए जिन लोगों का वैक्सीनेशन हो गया उन्हें भी मास्क, दो गज की दूरी और बार-बार हाथ धोने जैसी सावधानियां नहीं छोड़नी चाहिए।
डॉ शर्मा ने कहा कि पूर्व में भी राजस्थान ने कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में सफलता पाई थी और अब भी सरकार पूरी तरह से सतर्क और सजग है। मुख्यमंत्री नियमित तौर पर कोरोना समीक्षा बैठक कर रहे है और समय-समय पर कोरोना से सबंधित गाइडलाइन भी जारी की जा रही है। कोरोना से बचाव के लिए आमजन का सहयोग अनिवार्य है।
कोरोना से बचाव के लिए सरकार ने व्यापक स्तर पर तैयारियां प्रारंभ कर दी है। जहां सभी निजी चिकित्सालयों में सामान्य व आईसीयू के 10 प्रतिशत बैड आरक्षित रखने के निर्देश दिए गए है। वहीं डेडिकेटेड कोविड सेंटर की संख्या में भी बढ़ोतरी की भी तैयारियां की जा रही है। राज्य सरकार का पूरा ध्यान वैक्सीनेशन करने पर है। विभाग के पास वर्तमान में 25 लाख डोज उपलब्ध है। हम प्रतिदिन सात लाख लोगों को वैक्सीनेशन कर सकते है। चिकित्साकार्मिकों द्वारा अब तक 70 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।
डॉ शर्मा ने कहा कि प्रदेश में जिस तेजी से कोरोना संक्रमण का प्रसार हो रहा है। प्रदेश की केन्द्र सरकार से मांग है कि वे कोरोना वैक्सीनेशन के लिए आयुसीमा को हटाएं, जिससे कि कम समय में अधिक लोगों का टीकाकरण कर संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके। कोरोना के नए वैरिएंट की जांच के लिए सभी सैम्पल दिल्ली भेजे जा रहे है। अब तक प्रदेश में नए वैरिएंट से सबंधित किसी भी मामले की सूचना दिल्ली से प्राप्त नहीं हुई है। प्रदेश में नए कोरोना वैरिएंट की जांच की सुविधा के लिए सरकार प्रयास कर रही है।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर 0.84 प्रतिशत है जबकि 96.03 प्रतिशत लोग रिकवर होकर घर जा रहे है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के 63 केन्द्रों पर कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध है। यदि किसी को कोरोना से सबंधित लक्षण प्रतीत होते है तो उन्हें बिना देरी करे चिकित्सकीय सलाह पर कोरोना की जांच करानी चाहिए।