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अब विधानसभा चुनावों तक राजस्थान में भाजपा का सियासी पर्यटन

जयपुर। राजस्थान के करौली जिले में भारतीय नव वर्ष पर हुई हिंसा के मामले में राजनीति तेज हो गई है। भाजपा अब इस मामले को छोड़ने के मूड में नहीं है और लगातार प्रदेश की कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रही है। ऐसे में कहा जा रहा है कि जिस तरह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस व विपक्षी दलों ने सियासी पर्यटन किया था, उसी तरह अब भाजपा भी राजस्थान में लगातार विभिन्न मुद्दों पर सियासी पर्यटन करा सकती है।

भाजपा इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर बहस का मुद्दा बनाना चाहती है, क्योंकि कांग्रेस देशभर में बन रहे धार्मिक ध्रुविकरण से घबराई हुई है। मुख्यमंत्री गहलोत लगातार धार्मिक ध्रुविकरण के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं और भाजपा को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, ऐसे में भाजपा भी इस मामले को लेकर कांग्रेस को तुष्टीकरण के लिए जिम्मेदार बता रही है। इस मामले को राष्ट्रीय मसला बनाने के लिए भाजपा ने दिल्ली में इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कराई और अब भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में न्याया यात्रा का आयोजन किया गया है।


भाजपा सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस और​ अन्य विपक्षी दल भाजपा शासित राज्यों में चुनावी फायदा लेने के लिए लगातार सियासी पर्यटन कराती रही है। इसका ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश है। जहां चुनावों से पूर्व कांग्रेस और अन्य दलों ने कई मुद्दों पर सियासी पर्यटन किया। इनमें एक रेप के मामले और एक वाहन से लोगों को कुचलने के मामले में विपक्षी दलों ने जमकर सियासत की थी और भाजपा सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के प्रयास किए थे। ऐसे में अब भाजपा सियासी पर्यटन में पीछे कैसे रहेगी। भाजपा भी अब कांग्रेस को जवाब देने के लिए राजस्थान में सियासी पर्यटन कराएगी। कांग्रेस ने जैसा किया वैसा उसे भुगतना पड़ेगा। पीड़ितों को न्याय दिलाने तक भाजपा करौली के मुद्दे को छोड़ेगी नहीं, क्योंकि यह भाजपा के लिए काफी बड़ा मुद्दा है, जो उसे सरकार ने बैठे बिठाए दे दिया है।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है। प्रदेश में रोज कोई न कोई सामूहिक बलात्कार कांड सामने आ रहे हैं। कानून व्यवस्था को लेकर अन्य कई गंभीर मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में भाजपा को अगले विधानसभा चुनावों तक लगातार कई मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए सियासी पर्यटन कराने का मौका मिलेगा और अब भाजपा ऐसे किसी भी मुद्दे को हल्के में नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत धार्मिक ध्रुविकरण को लेकर भाजपा पर कितने भी आरोप लगाते रहें, उनसे भाजपा को कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि फायदा ही होगा। करौली के सबूत सबके सामने हैं, कि किसने दंगा भड़काया, अब मुख्यमंत्री या उनके मंत्री कुछ भी बोलते रहें, जनता सब जानती है।

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