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आज टाउन हॉल को पोता, कल हवामहल को करेंगे रंग-बिरंगा, नगर निगम हैरिटेज कर रही गुलाबीनगर की विरासत का बंटाधार!

बाड़ ही जब खेत को खाने लगे, तो उस खेत का भगवान ही मालिक होता है। यही सब देखने को मिल रहा है वर्ल्ड हैरिटेज सिटी जयपुर में। वर्ल्ड हैरिटेज सिटी घोषित होने के बाद जयपुर के परकोटा शहर की विरासतों की देखभाल के लिए सरकार ने जयपुर नगर निगम हैरिटेज बनाया और शहर की प्राचीन विरासतों की निगरानी का जिम्मा निगम को सौंपा लेकिन विरासतों को संजोने के बजाय निगम इन्हें बर्बाद करने पर तुला है।

ताजा मामला पुरानी विधानसभा के नाम से पहचाने जाने वाले सवाई मान सिंह टाउन हॉल का है। नगर निगम हैरिटेज ने सोमवार-मंगलवार को टाउन हॉल के हवामहल बाजार स्थित बाहरी हिस्से के नीचे स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए पेंटिंग करवा दी है। जिससे इस प्राचीन इमारत का मूल स्वरूप बिगड़ गया है। कहा जा रहा है कि निगम के तो काम ही निराले हैं। आज निगम ने टाउन हॉल को पुतवाया है, हो सकता है कि कल निगम हवामहल पर भी स्वछता सर्वेक्षण के नारे पुतवा दे।

यूनेस्को की गाइडलाइन की उड़ रही धज्जियां
यूनेस्के किसी-किसी शहर को वर्ल्ड हैरिटेज सिटी घोषित करता है, तो उसके लिए कुछ गाइडलाइन भी निर्धारित की जाती है। इनमें सबसे प्रमुख शहर के मूल स्वरूप को बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है लेकिन नगर राजस्थान सरकार इस जिम्मेदारी को उठाने में नाकारा साबित होती जा रही है। नगर निगम के कर्ताधर्ता मोटी कमाई के लालच में जहां शहर की प्राचीन इमारतों को तुड़वाकर कॉम्पलेक्स खड़े करने में जुटे हैं, वहीं अब तो हद हो गई है, जबकि टाउन हॉल पर पेंटिंग करवाकर उसके मूल स्वरूप को बिगाड़ दिया। पेंटिंग के कारण बाजार का मूल स्वरूप भी प्रभावित हुआ है, क्योंकि परकोटे के प्रमुख बाजारों में सभी इमारतों का रंग गुलाबी है और हैरिटेज सिटी का दर्जा मिलने के बाद परकोटे की सभी प्राचीन इमारतें अपने आप में संरक्षित हो गई है।

व्यापारियों में रोष
हवामहल बाजार व्यापार मंडल के महासचिव सतीश पांचाल का कहना है कि निगम की इस गैर जिम्मेदाराना कार्रवाई से पूरे बाजार के व्यापारियों में भारी रोष है। व्यापार मंडल की ओर से इस मामले में सरकार और यूनेस्को को शिकायत की जाएगी। नगर निगम को चाहिए कि वह परकोटे में इस तरह की पेंटिंग कराना बंद करे और जहां-जहां पेंटिंग कराई गई है, वहां पूर्व की भांति गुलाबी रंग कराए, नहीं तो शहर का वर्ल्ड हैरिटेज सिटी का दर्जा छिनते देर नहीं लगेगी।

यह हैं जिम्मेदार
शहर की विरासत के साथ-साथ सर्वेक्षण में अच्छी रैंकिंग लाना भी जरूरी है लेकिन रैंकिंग के लिए विरासतों का मूल स्वरूप बर्बाद नहीं किया जा सकता है। इस मामले में नगर निगम हैरिटेज की महापौर मुनेश गुर्जर, आयुक्त लोकबंधु, स्वच्छता सर्वेक्षण नोडल अधिकारी, निगम का आमेर-हवामहल जोन और निगम की हैरिटेज कमेटी पूरी तरह से जिम्मेदार हैं क्योंकि इनकी जानकारी के बिना यह कार्य नहीं हो सकता है।

नहीं खुल रही एडमा की नींद
वर्तमान में मान सिंह टाउन हॉल पुरातत्व विभाग की कार्यकारी एजेंसी आमेर विकास एवं प्रबंधन प्राधिकरण (एडमा) के पास है और इसी इमारत में एडमा का कार्यालय चल रहा है। हैरानी की बात है कि दिनभर यहां एडमा के अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है, इसके बावजूद अधिकारी चुप बैठे रहे क्योंकि एडमा अधिकारियों को तो कमाने-खाने से ही फुर्सत नहीं मिलती है, ऐसे में वह टाउन हॉल का क्या ध्यान रखेंगे। उल्लेखनीय है कि टाउन हॉल में वर्ल्ड क्लास म्यूजियम बनना प्रस्तावित है। यहां म्यूजियम बनाने का कार्य भी कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ था और अभी तक करोड़ों रुपए का राजस्व अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत के चलते इस इमारत को भेंट चढ़ चुका है लेकिन अभी तक यह इमारत खंडहर के रूप में पड़ी है।

Now the town hall is painted for message with clean jaipur, Next turn will for Hawa Mahal, JNN Heritage destroying the heritage of the Pinkcity!

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