जयपुर। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रमों में मंत्रियों के सामने हंगामे की स्थितियां थमने का नाम नहीं ले रही है और कोई न कोई संगठन आए दिन जनसुवाई में हंगामा खड़ा कर देता है। बुधवार को नौकरी की मांग को लेकर एनटीटी (नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग) बेरोजगारों ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मंत्रियों की जनसुनवाई में हंगामा कर दिया।
महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश और परिवहन मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला की मौजूदगी में एनटीटी भर्ती में नियुक्ति की मांग को लेकर बेरोजगारों ने हंगामा शुरू कर दिया। नियुक्तियां नहीं होने से नाराज बेरोजगाार तत्काल भर्ती प्रक्रिया तो पूरी करने की मांग कर रहे थे। मंत्रियों की जनसुनवाई में हंगामा करने पर बेरोजगारों की पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से नोकझोंक भी हुई। बाद में पुलिस ने बेरोजगारों को कांग्रेस मुख्यालय से बाहर निकाल दिया।
2018 में हुई एनटीटी भर्ती के कैंडिडेट्स अपनी मांगों को लेकर कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे थे। इन बेरोजगारों ने जनसुनवाई में महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश से मिलकर तत्काल नियुक्तियां देने की मांग की। इस पर महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कानूनी अड़चनों का हवाला दिया। उन्होंने जब कानूनी दिक्कतें गिनानी शुरू की, तो बेरोजगार नाराज हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा कर रहे बेरोजगारों को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने समझाया, लेकिन वे उनसे ही उलझ गए। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने बेरोजगारों को बाहर निकाला।
एनटीटी कैंडिडेट्स का कहना है कि हम 2018 से ही भर्ती प्रक्रिया के लिए संघर्ष कर रहे हैं। विभाग उन्हें नियुक्ति नहीं देकर उनके साथ अन्याय कर रहा है। हमारी मांग पर यदि तत्काल सुनवाई नहीं हुई, तो हम उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे, क्योंकि अब हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।
महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि 1350 एनटीटी की भर्तियों में से 850 को नियुक्ति दी जा चुकी है। कुछ लोग कोर्ट में चले गए जिसके कारण बचे हुए कैंडिडेट्स की नियुक्तियां अटक गई। जब तक कोर्ट से फैसला नहीं आ जाता हम नियुक्ति नहीं दे सकते। जनसुनवाई में आए एनटीटी कैंडिडेट्स चाह रहे थे कि सरकार बिना कोर्ट के फैसले के ही स्वविवेक से नियुक्ति दे जो संभव नहीं है। कोर्ट में विभाग का वकील भी पैरवी कर रहा है, जैसे ही फैसला आएगा योग्य कैंडिडेट्स को नियुक्ति दे दी जाएगी।