भारतीय जनता पार्टी के फायरब्रांड नेता मोहन माझी ओडिशा के नये मुख्यमंत्री होंगे। ओडिशा के ये 52 वर्षीय नेता आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। मुख्यमंत्री के चयन के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था। दोनों नेता मुख्यमंत्री के चयन के लिए ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर पहुंचे थे। पहले यहां विधायकों की मीटिंग हुई, उसके बाद रक्षा मंत्री ने बताया कि मोहन माझी के नाम पर मुहर लगी। ओडिशा सीएम मोहन मांझी के साथ दो डिप्टी सीएम भी बनाया गया है। प्रभाती प्रविदा और केवी सिंह के रूप में ओडिशा के दो उपमुख्यमंत्री होंगे।
देश की राजनीचि में मोहन माझी नया नाम नहीं है। उन्हें तेज-तर्रार नेता माना जाता है जो तुरंत अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करता है। वे ओडिशा में भाजपा के पहले मुख्ममंत्री होंगे। मोहन माझी पहली बार तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने ओडिशा विधानसभा स्पीकर पर दाल फेंकी थी। माझी चार बार के विधायक हैं। माझी को ओडिशा विधानसभा में उनके प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। उनकी पहचान आक्रामक तेवरों के लिए रही है।
वर्ष 2024 के विधानसभा में चुनाव में मोहन माझी क्योंझर विधानसभा सीट से जीते हैं। वह 2019 में भी इसी सीट से जीते थे, लेकिन इससे पहले 2009 और 2014 में विधानसभा हार गए थे। इस बार के चुनावों में उन्होंने बीजू जनता दल की मीना माझी को 11,577 वाेटों से हराया था। पिछली बार वह सिर्फ 1,124 वोटों से जीते थे।
कौन हैं मौहन माझी
मोहन माझी ओडिशा के केंदुझार जिले के एक मजबूत और तेजतर्रार आदिवासी नेता हैं। फिलहाल राजनीतिक करियर में माझी पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे हैं। माझी बीजेपी के समर्पित नेता हैं। उनके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी अच्छे रिश्ते हैं। मांझी को 2023 में विधानसभा स्पीकर पर दाल फेंकने के बाद निलंबित कर दिया गया था। तब राज्य की सियासत में इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था, हालांकि माझी के साथ मौजूद रहे साथी विधायकों ने दाल फेंकने से मना कर दिया था। माझी ने मिड डे मील में करोड़ों रुपये के घाेटाले को उजागर करने के लिए यह विरोध किया था। माझी बिना उबली हुई दाल लेकर विधानसभा पहुंचे थे।