राजनीति

प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने संबंधों पर बोले उमर अब्दुल्ला, ‘इसे दोस्ती समझने की भूल न करें..’

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को दोस्ती या गठबंधन समझने की गलती नहीं करनी चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस भाजपा का विरोधी दल बना रहेगा और उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी भाजपा के कई प्रस्तावों का विरोध करेगी, जिसमें वक्फ बिल, ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) शामिल हैं।
प्रधानमंत्री के साथ अपने संबंधों को लेकर पूछे गए सवाल पर, विशेष रूप से सोनमर्ग टनल के उद्घाटन के दौरान दिखे सौहार्द को लेकर, अब्दुल्ला ने कहा, “मुझे लगता है कि सौहार्दपूर्ण कार्य संबंधों को दोस्ती या गठबंधन समझना गलत होगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस भाजपा का विरोधी है… हम उन मुद्दों का विरोध कर रहे हैं जिन्हें भाजपा संसद के आगामी सत्र में लागू करने की योजना बना रही है, जैसे कि समान नागरिक संहिता, वक्फ बिल और ‘वन नेशन वन इलेक्शन’।”
उमर अब्दुल्ला ने यह बयान बीबीसी के स्टीफन साकर को दिए एक साक्षात्कार के दौरान दिया। यह इंटरव्यू फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले की बरसी के अवसर पर आया, जिसमें चालीस सैनिक शहीद हुए थे।
अनुच्छेद 370 की बहाली पर नेशनल कॉन्फ्रेंस का रुख
अपनी पार्टी की अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने अब तक हार नहीं मानी है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार ने उम्मीद छोड़ दी होती, तो विधानसभा में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने और संवैधानिक गारंटी वापस लाने के लिए प्रस्ताव पारित नहीं किया जाता।
उन्होंने कहा, “मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी है… अगर हमने हार मान ली होती, तो हमने विधानसभा में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली और संवैधानिक गारंटी की मांग वाला प्रस्ताव पास नहीं किया होता।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि भाजपा और केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के साथ जो करना था, वह कर दिया है। अब हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि हम जो खो चुके हैं, उसका कुछ हिस्सा वापस पा सकें, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाने के लिए, जो अब एक केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्त दर्जा वापस मिलने की कोई संभावना है, तो उन्होंने साफ तौर पर कहा, “नहीं, बिल्कुल नहीं।”
आतंकी घटनाओं पर उमर अब्दुल्ला का बयान
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकवादी घटनाओं पर कहा कि पिछले पांच वर्षों की तुलना में स्थिति कुछ अधिक शांतिपूर्ण है।
उन्होंने कहा, “किसी भी चिंताजनक वृद्धि की बात नहीं है। दो-एक घटनाएं हुई हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण थीं… लेकिन यदि आप पिछले पांच वर्षों की समग्र स्थिति को देखें, तो मुझे लगता है कि पिछले साल की स्थिति कुछ अधिक शांतिपूर्ण थी।”
पाकिस्तान पर उमर अब्दुल्ला की टिप्पणी
पाकिस्तान को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस्लामाबाद जम्मू-कश्मीर के मामलों में दखल देना बंद करेगा।
उन्होंने कहा, “यह सोचना मूर्खता होगी कि जम्मू-कश्मीर में जो कुछ हुआ है, वह पूरी तरह स्वदेशी था और उसमें किसी बाहरी सहायता की कोई भूमिका नहीं थी।”
उन्होंने आगे कहा, “इसके बावजूद, पाकिस्तान को भारत सरकार की चिंताओं को गंभीरता से लेने के लिए राजी करने की कोशिश करना, ताकि हम एक सौहार्दपूर्ण कार्य संबंध स्थापित कर सकें, यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसे नेशनल कॉन्फ्रेंस हमेशा से उठाती रही है।”

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