रूस में शुक्रवार की रात हुए आतंकी हमले में अब तक 133 लोगों की मौत हो गई है। इस्लामिक स्टेट आतंकियों ने हमले को अंजाम दिया है। इस बीच कई एक्सपर्ट्स सुझाव दे रहे हैं कि रूस को पाकिस्तान के एंगल पर भी जांच करनी चाहिए। आतंकियों को भड़काने में पाकिस्तानी कट्टरपंथी हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉस्को में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। इसके साथ ही कहा कि भारत संकट और दुख की इस घड़ी में रूस के लोगों के साथ खड़ा है। इस हमले में 133 लोगों की मौत हो गई। रूस की टॉप जांच एजेंसी के मुताबिक अब तक 11 लोगों को हिरासत में लिया गया है। कई भारतीय एक्सपर्ट्स ने इस बीच सुझाव दिया है कि रूस को पाकिस्तान के एंगल की भी जांच करनी चाहिए। पाकिस्तान के कट्टरपंथी भी आतंकियों को उकसाने में शामिल हो सकते हैं।
हमलावरों ने गोलीबारी के बाद हॉल को आग के हवाले कर दिया। हमले के दौरान आतंकियों ने वीडियो भी बनाया। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने ली है। मॉस्को के आसपास के सुरक्षा क्षेत्रों की सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। इसके अलावा सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘हम रूस में जघन्य आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। दुख की इस घड़ी में भारत रूसी संघ की सरकार और लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।’
क्या बोला यूक्रेन
हालांकि कई रिपोर्ट इसमें यूक्रेनी चरमपंथियों की भूमिका को भी जोड़ रही हैं। रूसी अल्फा आतंकवाद विरोधी इकाई के पूर्व अधिकारी सर्गेई गोंचारोव ने इस हमले में यूक्रेनी सैन्य खुफिया प्रमुख किरिलो बुडानोव को दोषी ठहराया। यूक्रेनी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख के सलाहकार मिखाइल पोडोल्योक ने कहा कि इस घटना में उनका कोई हाथ नहीं है। रूस की फेडरल सिक्योरिटी सर्विस के प्रमुख अलेक्जेंडर बोर्टनिकोव ने पुतिन को बताया है कि क्रोकस सिटी हॉल पर हमले में 11 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
पाकिस्तान से है कनेक्शन
सूत्रों का कहना है कि रूस को आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं को प्रभावित करने में पाकिस्तानी कट्टरपंथियों की भूमिका पर जांच करनी चाहिए। पिछले कुछ वर्षों में रूस में पाकिस्तानी नागरिकों की संख्या बढ़ी है। यह या तो छात्र के रूप में रूस में पढ़ रहे हैं या फिर व्यापार कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि रूस में पाकिस्तानी नागरिकों के बीच कट्टरपंथियों की मौजूदगी से इनकार नहीं किया जा सकता और रूसी अधिकारियों को पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा देने के नियम कड़े करने चाहिए। उनके सामाजिक-शैक्षणिक बैकग्राउंड की भी जांच करनी चाहिए। रूस में पाकिस्तानी नागरिकों के प्रवेश को कंट्रोल करना कट्टरपंथी विचारधारा को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
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