इस्लामाबादसामाजिक

‘नहीं जाना सिंध-पंजाब, कारगिल का रास्ता खोलो, हम जाएंगे वहां…’ गिलगित-बाल्टिस्तान में भारत आने को सड़कों पर उमड़े पाक नागरिक

पाकिस्तान का समय ठीक नहीं चल रहा है। भारत का यह पड़ोसी हर तरह की परेशानियों से घिर चुका है। राजनीति संकट तो पहले से ही बड़ी मुसीबत बन चुका था और उस पर से खराब अर्थव्यवस्था ने इस आग में घी का काम किया। देश अपनी समस्याओं से निपटने की कोशिश में लगा हुआ है और दूसरी तरफ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के गिलगित-बाल्टिस्तान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों और लोगों की भारत के बदले देश छोड़ने की अपील इसकी मुश्किलों को और बढ़ा रही है।
पीओके में सबकुछ ठीक नहीं
इस समय जो वीडियोज सामने आ रहे हैं, उनसे साफ पता चलता है कि गिलगित-बाल्टिस्तान में सबकुछ ठीक नहीं है। क्षेत्र में लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और देश के खिलाफ नारे लगाए जा रहे हैं। स्कार्दू क्षेत्र में लोगों ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर पाकिस्तानी अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। एक शख्स को को यह धमकी देते हुए सुना जा सकता है कि वो दरवाजे तोड़कर करगिल चले जाएंगे।
25 अगस्त को आया वीडियो
25 अगस्त को आया वीडियो बताने के लिए काफी है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आने वाले गिलगित-बाल्टिस्तान की हालत कितनी खराब है। वीडियो में क्षेत्र के एक सामाजिक कार्यकर्ता वजीर हसनैन कहते हैं, ‘हम आपके सिंध में नहीं जाएंगे, हम आपके पंजाब में नहीं जाएंगे। हम आपके देश में नहीं रहना चाहते हैं, करगिल का रास्ता खोलो, हम करगिल जाएंगे।’
‘चलो करगिल चलो’ के नारे
वीडियो में स्थानीय लोगों को ‘चलो, चलो करगिल चलो’ का नारा लगाते हुए भी सुना जा सकता है। पाकिस्तानी मीडिया में इन विरोध-प्रदर्शनों की कोई रिपोर्ट नहीं है। क्षेत्र में एक हफ्ते से ज्यादा समय से ये प्रदर्शन जारी हैं। इसकी वजह है, क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित शिया धर्मगुरु अघा बाकिर अल-हुसैनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना। अधिकारियों ने उन पर स्कार्दू में एक उलेमा परिषद की बैठक में की गई टिप्पणियों के लिए मामला दर्ज किया था। बैठक पाकिस्तान के सख्त ईशनिंदा कानूनों पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई थी। इस कानून को कई लोग शिया समुदाय को निशाना बनाने के लिए मानते हैं।
सेना की तैनाती के आदेश
30 अगस्त को कहा गया था कि अधिकारी प्रदर्शनकारियों को हटा देंगे और राजमार्गों पर आवाजाही सुचारू करेंगे। गिलगित-बाल्टिस्तान सरकार ने अब सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तानी सेना को तैनात करने का फैसला किया है। यहां के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला किया गया है। क्षेत्र के प्रमुख शहरों में रेंजर्स, जीबी स्काउट्स और एफसी के जवानों को तैनात करने का भी फैसला किया। अवैध सभाओं और रोड ब्लॉक्स को खत्म करने के लिए तुरंत धारा 144 लागू कर दी गई है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सार्वजनिक समारोहों में किसी भी धर्म के विश्वासों और पवित्र व्यक्तियों का अपमान करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Related posts

श्री अन्नपूर्णा रसोई: मिलेट्स डे पर भाजपा सरकार ने इंदिरा रसोई का नाम व स्वरूप बदल पुनः मूल नाम पर रखा

Clearnews

ईपीएफओ की वेतन और कर्मचारी सीमा में बदलाव पर विचार, सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास

Clearnews

आज से जयपुर में दो जगह ट्रैफिक जाम का काम तमाम, झोटवाड़ा आरओबी, बी-2 बायपास का उद्घाटन

Clearnews