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पंचायती राज उपचुनाव 2023: जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों की रिक्तियों के लिए उपचुनाव 7 मई को

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं में विभिन्न कारणों से 31 जनवरी 2023 तक हुई रिक्तियों के उपचुनाव माह अप्रेल- मई 2023 में करवाए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में इस निर्धारित अवधि तक प्राप्त रिक्तियों के अनुसार 4 जिलों में 4 जिला परिषद सदस्यों तथा 13 जिलों में 24 पंचायत समिति सदस्यों के लिए उपचुनाव प्रक्रियाधीन हैं। उन्होंने बताया कि जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के लिए मतदान 7 मई को किया जाएगा।

गुप्ता ने बताया कि जिला परिषद सदस्यों के लिए नाम निर्देशन पत्र 25 अप्रेल तक प्राप्त किए गए और नाम वापसी की तिथि 27 अप्रेल निर्धारित की गई थी। उन्होंने बताया कि इस अवधि तक 4 जिला परिषद सदस्यों के लिए 16 अभ्यर्थियों ने 18 नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किए, जिनमें से एक नाम निर्देशन पत्र वापस लिया गया एवं रिटर्निंग अधिकारी द्वारा 7 नाम निर्देशन पत्र निरस्त किए गए। उन्होंने बताया कि इस प्रकार 4 जिला परिषद सदस्यों के उपचुनाव के लिए कुल 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में शेष रह गए हैं।
निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि पंचायत समिति सदस्यों के नाम निर्देशन पत्र 25 अप्रेल तक प्राप्त किए गए तथा नाम वापसी की तिथि 27 अप्रैल निर्धारित की गई थी। उन्होंने बताया कि इसके अनुसार 24 पंचायत समिति सदस्यों के निर्वाचन के लिए दौसा जिले की पंचायत समिति बैजूपाड़ा के पंचायत समिति सदस्य के लिए नाम निर्देशन पत्र प्राप्त नहीं हुए।
उन्होंने बताया कि शेष 23 पंचायत समिति सदस्यों के लिए 78 अभ्यर्थियों द्वारा 82 नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 11 नाम निर्देशन पत्र वापस लिए गए तथा रिटर्निंग अधिकारी द्वारा 19 नाम निर्देशन पत्र निरस्त किए गए। गुप्ता ने बताया कि 23 पंचायत समिति सदस्यों के उपचुनाव में से 7 पंचायत समिति सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए तथा शेष 16 पंचायत समिति सदस्यों के लिए 41 उम्मीदवार शेष रहे है।
उपचुनाव सतत् प्रक्रिया, 2 महीने से अधिक समय पद रिक्त रहने पर उपचुनाव करवाने का प्रयास
निर्वाचन आयुक्त ने स्पष्ट किया कि उपचुनाव एक सतत् प्रक्रिया है और 2 महीने से अधिक जिन स्थानों पर विभिन्न कारणों से पद खाली हैं वहां समय पर उपचुनाव करवाने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्वाचन आयोग को सूचित करने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 30 अप्रेल तक जितनी रिक्तियां होंगी उनके उपचुनाव जून माह में करवाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयोग समय पर चुनाव करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।
गुप्ता ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी अपने कर्तव्यों का उचित प्रकार से निर्वहन नहीं करते अथवा उदासीन रहते हैं तो आयोग प्रसंज्ञान लेकर ऐसे मामलों में आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में प्रशासनिक प्रक्रिया व कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाती है।
चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष व स्वतंत्र बनाने के साथ सरल बनाना आवश्यक
निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष एवं स्वतंत्र होनी आवश्यक है लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि पूरी प्रक्रिया सरल हो और कम खर्चे में संपन्न की जा सके। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को सुविधानुसार बैलेट पत्र या ईवीएम के उपयोग के लिए निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि जहां प्रत्याशी या मतदाताओं की संख्या कम हो वहां जिला निर्वाचन अधिकारी अपने विवेकानुसार चुनावी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए निर्णय कर सकते हैं।
चुनावी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए आयोग की विशेष पहल
गुप्ता ने बताया कि आयोग द्वारा अध्यापक,पटवारी एवं आईटीआई पास ऐसे कर्मचारियों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है जो ईवीएम की एफएलसी (फर्स्ट लेवल चेकिंग) कर सकें ताकि स्थानीय स्तर पर ही यह कार्य संपन्न किया जा सके और समय व धन की बचत भी की जा सके।
उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा जून माह में एक राष्ट्रीय स्तरीय कॉन्फ्रेंस भी किया जाना प्रस्तावित है जिसमें सभी राज्यों के निर्वाचन आयुक्त शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि इस कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव के साथ चुनाव प्रक्रिया को सरल- सहज बनाना और नवाचारों को बढ़ावा देना होगा।

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