जो धारा के विपरीत बहकर अपना लक्ष्य पाने का जज्बा रखते हैं, सफलता उनके कदम चूमती ही है। कंप्यूटर ग्राफिक डिजाइनर पंकज कोठारी भी कुछ इसी तरह से सोचते हैं और अपने कार्य क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ते ही जा रहे हैं। क्लियरन्यूज डॉट लाइव ने अपनी विशेष लेखों की श्रृंखला People who made it BIG के तहत पंकज कोठारी से विशेष बातचीत की। पेश है इस बातचीत के कुछ अंश..
कुछ नया करने की हसरत
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मुंबई में पला-बड़ा हुआ यह शख्स नये डिजाइन के मैन्स वेयर (पुरुष परिधानों) के कारोबार का आज जाना-माना नाम है। किसी को भी यह लग सकता है कि कपड़ा कारोबारी के घर पैदा होने के बाद पंकज को कपड़ों के कारोबार में आगे बढ़ना ही था। लेकिन, उन्होंने अपने लिए अलग ही करियर चुना था। ग्रेजुएशन करने के बाद वे कंप्यूटर ग्राफिक डिजाइनर के तौर पर आगे बढ़ना चाहते थे और मुंबई में उन्होंने इसकी शुरुआत भी कर दी थी।
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जिसका पैशन हो हर दिन कुछ नया करना, उसे आखिर थ्री डी डिजाइनिंग, थ्री डी एनिमेशन एड फिल्म्स तैयार करने में मजा तो आना ही था। काम अच्छा चल रहा था, मजा भी आ रहा था पर फिर भी कुछ और नया करने और नया मुकाम बनाने की हसरत मन में पल रही थी।
घूमने-फिरने के शौकीन
और, फिर मन में दबी हसरत लिये घूमने-फिरने के शौकीन पंकज का जयपुर आना हुआ। मुंबई की भाग-दौड़ से दूर, राजे-रजवाड़ों की शानो-शौकत, साफ-सुथरी व स्वच्छ वातावरण वाली गुलाबी नगरी ने उनका मन मोह लिया। वर्ष 2010-11 उन्होंने अपने नये काम की शुरुआत जयपुर से ही करना तय किया।
यद्यपि फैशन डिजाइनिंग की कोई विशेष पढ़ाई पंकज ने नहीं की है किंतु काम करने का जज्बा उनमें कूट-कूट कर भरा है। मस्तिष्क क्रिएटिव होने के साथ कुछ नया करने की चाहत मन में हो तो हालात कितने भी विपरीत हों, व्यक्ति के कदम कोई रोक नहीं सकता। ग्राफिक डिजाइन में परिपक्व हो चुके पंकज ने अपने सृजनशील मस्तिष्क को मामूली सा नया मोड़ दिया और झोंक दिया फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में।
धारा के विपरीत
यद्यपि अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के हालात ठीक नहीं थे और कपड़ों के निर्यात से संबंधित कारोबार में गिरावट का दौर था पर पंकज हार मानने वालों में से नहीं हैं। वो धारा के विपरीत चलने का पैशन रखते हैं। उन्होंने जयपुर में रहते हुए आमजन की मनोवृत्ति को समझा। जब परिधानों के कारोबारी हाथ-पैर मारकर थक रहे थे तो पंकज अपने कारोबार की नाव बखूबी खेते रहे। उन्होंने समझा कि लोग वैवाहिक कार्यक्रमों को परेशानी के दौर में भी टालना पसंद नहीं करते और इसे हर हाल में खूबसूरत तरीके से यादगार बनाने की चाहत रखते हैं।
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उन्होंने जयपुर में रहकर मैन्स वेयर में तरह-तरह की डिजाइनों के प्रयोग किये। नये-नये प्रिंट, तरह-तरह के रंगों में टेलरिंग के विशिष्ट स्टाइल उन्होंने लोगों को समझाए। एक बार जब उनकी बात लोगों के गले उतरने लगी तो फिर काम की कमी नहीं रही। पुरुषों के डिजाइनर परिधानों के कारोबार को उन्होंने उस ऊंचाई पर पहुंचा दिया कि लॉकडाइन के दौरान भी काम की कमी नहीं आई। जयपुर क्या और भारत क्या, विदेशों में भी फैशन की दुनिया के बड़े ब्रांड पंकज के डिजाइनर परिधानों ने धूम मचा रखी है।
पंकज के पास करीब 25 लोग काम कर रहे हैं है। विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लोग उनके डिजाइनर परिधानों को देख लेते हैं और डिमांड करते हैं। विशेष सेनेटाइज्ड ढंग से तैयार परिधानों को समय पर तैयार करके देना उनके काम की विशेषता है। लॉकडाउन पीरियड में जब चट मंगनी और पट ब्याह का दौर था तो उन्होंने घोड़ी चढ़ने वालों को अपने बनाये परिधानों से सुसज्जित कर, उनके खास दिन को यादगार बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई। अपने क्लाइंट्स की चाहत की नब्ज को समझने वाले पंकज का नाम अब उन चंद लोगों में शुमार है जिन्होंने विपरीत हालात को अपने पक्ष में बदला है और नया मुकाम हासिल किया है।