जयपुर। शहर के दो प्रतिष्ठित स्कूल माहेश्वरी स्कूल और सेंट एंसलम के अभिभावक सोमवार को सुबह ऑफलाइन परीक्षा बन्द कराने को लेकर एकजुट हुए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। अभिभावकों की शिकायत थी कि पिछले कुछ दिनों में 5-6 बच्चे कोरोना पॉजिटिव आये है और स्कूल प्रशासन बिना जांच पड़ताल किये उन्हें स्कूलों में प्रवेश करने दे रहे हैं।
अभिभावकों का कहना है कि ऐसी स्थिति में बच्चों को स्कूल भेजने का दबाव बनाने के बजाय प्रबंधन को चाहिये कि वह ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कराए क्योंकि स्कूलों में कोरोना को लेकर कोई गाइडलाइन फॉलो नहीं करवाई जा रही है। सरकार और प्रशासन को लगातार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नही हो रही है।
संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि सोमवार को सुबह 8 बजे से ही माहेश्वरी स्कूल के अभिभावक स्कूल के द्वार पर जुटे और स्कूल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अभिभावकों को शिकायत थी कि स्कूल कोरोना गाइडलाइन को फॉलो नही कर रहे हैं, बच्चे कोरोना पॉजिटिव आ रहे है, उनकी जांच किये बगैर स्कूल प्रशासन उन्हें स्कूलों में प्रवेश करने दे रहा है।
जबकि स्कूल प्रशासन ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हमारे स्कूल में कोई बच्चा कोरोना पॉजिटिव नही है। अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन को याद दिलाया गया कि 23 फरवरी को ध्रुव माहेश्वरी जो कोरोना पॉजिटिव थे, स्कूल परिसर में प्रोजेक्ट सबमिट कराने आये थे। वह विद्यार्थी और उनके परिवार के अन्य सदस्य कोरोना पॉजिटिव है तो उस बच्चे को बिना जांच किये कैसे स्कूल में एंट्री दी गई। यही स्कूल प्रशासन 6 परीक्षा ऑनलाइन ले चुका है तो बाकी के 6 परीक्षा ऑफलाइन लेने पर क्यों अड़ा है। जब पढ़ाई ऑनलाइन करवाई गई, कुछ परीक्षाएं ऑनलाइन ली गयीं तो बाकी की परीक्षा भी ऑनलाइन ही होनी चाहिए।
जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने बताया कि कुछ ऐसा ही मामला सेंट एंसलम स्कूल पिंकसिटी, मालवीय नगर में भी हुआ किन्तु वहां अभिभावकों ने ज्यादा विवाद ना करते हुए स्कूल के फादर के समक्ष अपनी बात रखी, उनसे भी कोरोना के नए स्टेन को लेकर अभिभावकों ने अपना डर दर्शाया व सभी बच्चों के ऑनलाइन परीक्षा कराने की मांग की जिस पर फादर कहा कि जो बच्चे ऑनलाइन परीक्षा देना चाहें वे ऑनलाइन दे दें, जो ऑफलाइन परीक्षा दे वह ऑफलाइन दे देंवे। जबकि अभी तक सेंट एंसलम स्कूल में ऑफलाइन परीक्षा देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था जिसको लेकर अभिभावक आक्रोशित हो गए थे और स्कूल में जुटे।