भारतीय पुरुष हॉकी टीम में एक बार फिर पेरिस ओलंपिक में गौरवान्वित करने का अवसर प्रदान किया। भारत ने इस पेरिस ओलंपिक का चौथा और कांस्य पदक जीत लिया है। भारत की पुरुष हॉकी टीम ने आज स्पेन को 2-1 से हराकर यह कांस्य पदक जीता। टोक्यो में हुए पिछले ओलंपिक खेलों में भी भारत ने कांस्य पदक ही अपने नाम किया था।
कांस्य पद के लिए खेले गये इस मैच में भारत के लिए कप्तान हरमनप्रीत ने 30वें और 34वें मिनट में गोल दागे। इस तरह 52 साल बाद लगातार दो ओलंपिक में बैक टू बैक पदक हासिल किया है। इससे पहले भारत ने 1968 के मैक्सिको ओलंपिक और 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में कांस्य पदक जीते थे। इस तरह मौजूदा पेरिस ओलंपिक में भारत के पदकों की संख्या चार हो चुकी है।
श्रीजेश को समर्पित जीत
पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक के साथ हॉकी टीम ने अपने सीनियर प्लेयर और दिग्गज गोलकीपर श्रीजेश को पदक से विदाई दी क्योंकि उन्होंने पहले ही संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। ऐसे में श्रीजेश को सम्मानजक विदाई भी भारत के इस शानदार खेल की वजह बनी। मैच जीतने के बाद श्रीजेश ने गोल पोस्ट पर चढ़कर अपने चिर-परिचित अंदाज में जश्न मनाया। कप्तान हरमनप्रीत ने कहा कि ये यादगार पल हैं और आज की भारतीय हॉकी टीम की जीत श्रीजेश को समर्पित है।
स्पेन ने पेनल्टी स्ट्रोक से मारा पहला गोल
शुरुआती 10 मिनट के खेल में भारत ने लगातार आक्रमण किए। इस दौरान भले ही कोई पेनल्टी कॉर्नर नहीं मिला, लेकिन भारत ने एक फील्ड गोल्ड का सुनहरा मौका भी गंवा दिया। पहले क्वार्टर में कोई भी टीम गोल नहीं कर पाई, लेकिन दूसरा क्वार्टर भारत के लिए बुरी खबर लेकर आया। 18वें मिनट में स्पेन को पेनल्टी स्ट्रोक मिला, जिस पर मार्क मिरेल्स ने कोई गलती नहीं की और टॉप लेफ्ट कॉर्नर पर गोल करते हुए स्पेन को 1-0 की लीड दिला दी।
हरमनप्रीत सिंह ने जिताया मैच
28वें मिनट में भारत को मैच का पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे स्पेशलिस्ट हरमनप्रीत सिंह की जगह अमित रोहिदास ने लिया। भारत की ये चाल बेकार गई क्योंकि स्पेनिश गोलकीपर ने शॉट बचा लिया। मगर डेढ़ मिनट में भारत ने अपनी गलती सुधार ली। इस बार मिले पेनल्टी कॉर्नर पर कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने लो राइट कॉर्नर पर दनदनाता हुआ गोल दागा और हाफ टाइम से चंद सेकंड पहले भारत को मैच में बराबरी दिला दी। ये ओलंपिक में हरमन का 10वां गोल था। 34वें मिनट में भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर पर मिला, जहां कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने टूर्नामेंट का अपना 11वां गोल दागते हुए भारत को 2-1 की लीड दिला दी, जो अंत तक बरकरार रही।