मनु भाकर पेरिस ओलंपिक में पदकों की हैट्रिक से चूक गईं। महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल इवेंट में उन्हें चैथे स्थान से संतोष करना पड़ा। मनु बेशक पेरिस में मेडल का रंग नहीं बदल पाईं लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि 2028 लॉस एंजेलिस में वह मेडल का कलर चेंज कर पाएंगी। मनु ओलंपिक में 2 मेडल जीतने वाली भारत की पहली शूटर हैं।
भारतीय महिला स्टार शूटर मनु भाकर बेशक पेरिस ओलंपिक में तीसरे मेडल से चूक गई हों, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि 2028 लॉस एंजेलिस में होने वाले खेलों के महाकुंभ में वह पदक का कलर जरूर बदलने में कामयाब होंगी। मनु ने कहा कि इस बार नहीं तो अगली बार।
25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल इवेंट के फाइनल में मनु चैथे स्थान पर रहीं। मैच के बाद उन्होंने कहा कि वह फाइनल में थोड़ा नर्वस थीं। इस 22 वर्षीय खिलाड़ी ने इससे पहले महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर दो कांस्य पदक जीते थे।
मनु भाकर ने प्रतियोगिता के बाद कहा, ‘मैं वास्तव में नर्वस थी लेकिन मैंने शांत चित्त रहकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था।’ आठ निशानेबाजों के फाइनल में 28 का स्कोर बनाने के बाद मनु निराश नजर आ रही थीं। इसके बाद वह शूट-ऑफ में हंगरी की कांस्य पदक विजेता वेरोनिका मेजर से हार गईं। मनु ने कहा,‘यह ओलंपिक खेल मेरे लिए बहुत अच्छे साबित हुए लेकिन नजर हमेशा अगले वाले खेलों पर रहती है और मेरी निगाहें अभी से अगले ओलंपिक में अच्छे प्रदर्शन करने पर लगी हैं।’
‘मैंने अपना फोन तक चेक नहीं किया’
बकौल मनु भाकर,‘मुझे बहुत खुशी है कि मैंने दो पदक जीते लेकिन इस स्पर्धा में मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। चैथा स्थान हासिल करना बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं होता है।’मनु ने कहा कि उनसे काफी उम्मीद की जा रही थी लेकिन इससे उन्होंने अपनी एकाग्रता भंग नहीं होने दी। उन्होंने कहा,‘ईमानदारी से कहूं तो मैं सोशल मीडिया से दूर हूं और मैंने अपना फोन तक चेक नहीं किया। मैं नहीं जानती कि दुनिया में क्या हो रहा है लेकिन मैं इतना जानती थी कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का प्रयास किया। अधिकतर स्पर्धाओं में मैंने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन इसमे अच्छा खेल नहीं दिखा सकी। जैसे ही मैंने अपना खेल खत्म किया तो तुरंत ही सोचा इस बार ना सही अगली बार।’
लीजेंड हैं मनु भाकर
मनु ने कहा,‘‘मैंने और मेरी टीम ने कड़ी मेहनत की ताकि मैं पोडियम तक पहुंच सकूं। और भारत पदक जीत सके। इसलिए मैं बहुत खुश हूं कि मेरी टीम पूरी यात्रा के दौरान मेरे साथ रही।’ किसी भी भारतीय निशानेबाज ने एक ओलंपिक में दो पदक नहीं जीते हैं, वह ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली महिला निशानेबाज हैं। और स्वतंत्रता के बाद ओलंपिक खेलों के एक ही संस्करण में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय हैं। मनु भाकर निस्संदेह एक लीजेंड हैं।
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