खेलदिल्ली

एक और रजत पदक की उम्मीद चकनाचूर, खेल पंचाट ने ठुकराई विनेश फोगाट की याचिका

पेरिस ओलंपिक 2024 में अब भारत के पास केवल एक रजत पदक ही रहेगा। कुश्ती के 50 किलोग्राम भारवर्ग में पहलवान विनेश फोगाट की याचिका को खेल पंचाट ( कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट यानी कैस/(CAS) ने रद्द कर दिया है। उल्लेखनीय है कि विनेश की याचिका पर कैस 13 अगस्त को फैसला सुनाने वाला था लेकिन उसने इसे 16 अगस्त तक के लिए टाल दिया गया था। अब खबर आ रही है कि कैस ने विनेश की याचिका को ही ठुकरा दिया गया है। इस तरह इस बार ओलंपिक में भारत के पास शूटिंग में तीन, पुरुष कुश्ती और पुरुष हॉकी में 1-1 कांस्य पदक के साथ भाला फेंक में नीरज चौपड़ा के एक रजत पदक को मिलाकर कुल छह पदक ही रह जाएंगे। विनेश को मिल सकने वाले रजत पदक की उम्मीद अब टूट गई है।
बता दें कि पेरिस ओलंपिक में अपने लगातार तीन बाउट जीतकर विनेश फोगाट को महिलाओं की 50 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल से ठीक पहले अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट के विरुद्ध कुश्ती लड़नी थी। इस तरह इस भारवर्ग की कुश्ती में भारत को स्वर्ण या रजत पदक की उम्मीद बंध गयी थी। लेकिन, विनेश फोगाट अपना फाइनल मुकाबला नहीं लड़ सकीं क्योंकि उन्हें खिताबी मुकाबले से बाहर कर दिया गया था। मुकाबले से ठीक पहले सुबह वजन करते समय उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया था।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष डॉ. पीटी उषा ने विनेश फोगाट के आवेदन को खारिज करने के कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) के फैसले पर हैरानी और निराशा व्यक्त की है। एक बयान में पीटी उषा ने कहा, ‘पहलवान विनेश फोगाट की युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के खिलाफ दायर अपील पर खेल पंचाट के एकमात्र पंच के फैसले से स्तब्ध और निराश हूं। पेरिस ओलंपिक खेलों में महिलाओं के 50 किलोग्राम वर्ग में साझा रजत पदक दिए जाने के विनेश के आवेदन को खारिज करने वाले 14 अगस्त के फैसले का प्रभावी हिस्सा विशेष रूप से उनके लिए और बड़े पैमाने पर खेल समुदाय के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ रखता है।’ इस फैसले के मायने हैं कि पेरिस ओलंपिक में भारत के छह ही पदक होंगे जिसमें एक रजत और पांच कांस्य शामिल हैं ।
विनेश की लीगल टीम में कौन-कौन था?
विनेश फोगाट ने अपील की थी कि उन्हें क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमेन लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक दिया जाए। लोपेज सेमीफाइनल में विनेश से हार गई थी, लेकिन बाद में भारतीय पहलवान को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उन्हें फाइनल में जगह मिली। इस कानूनी लड़ाई में फ्रांसीसी वकील जोएल मोनलुइस, एस्टेले इवानोवा, हैबिन एस्टेले किम और चार्ल्स एमसन शामिल थे, जिन्होंने आवेदन दाखिल करने के दौरान उनकी और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की मदद की। उनकी सेवाएं पेरिस बार द्वारा मुहैया कराई गई हैं और वे मामले को निःशुल्क संभाल रहे थे। इसके अलावा वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और विदुषपत सिंघानिया को मामले में उनकी मदद के लिए जोड़ा गया था।
विनेश के पास पूरे खेल जगत का समर्थन
विनेश फोगाट का समर्थन करने वाली खेल हस्तियों की इस सूची में जापान के ओलंपिक चैंपियन रेई हिगुची भी शामिल हैं, जिन्हें तीन साल पहले तोक्यो में इसी तरह अयोग्य ठहराया गया था, लेकिन पेरिस में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का भी मानना है कि विनेश को कम से कम रजत पदक मिलना चाहिए था। चैंपियन निशानेबाज अभिनव बिंद्रा, दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुपरस्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा और मशहूर हॉकी खिलाड़ी पीआर श्रीजेश ने भी विनेश का समर्थन किया था।

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