पूरे भारत में कोराना काल के कठिन दौर में सड़कों पर घूम-घूमकर सरकार के कामकाज की जानकारी आम जनता तक और आमजन के दुख-दर्द की कहानी सरकार तक पहुंचाने के महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देने के कारण की पत्रकारों को कोरोना वारियर्स माना जा रहा है। लेकिन, ऐसा लग रहा है कि राजस्थान की पुलिस सच्चे पत्रकारों के कार्य में रोड़ा बनती लग रही है। राजस्थान के अनेक स्थानों से इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं।
शुक्रवार, 14 मई को सुबह करीब 11 बजे ऐसी ही घटना मालवीय पुलिस थाना क्षेत्र में सेक्टर-3 में पुलिस नाकेबंदी पर घटी जब पुलिसकर्मियों ने पंजाब केसरी चैनल के रिपोर्टर बनवारी उपाध्याय जो अपने रिश्तेदार को वैक्सीन लगवाकर और अपने लिये दवा लेकर आ रहे थे। उन लोगों के साथ पुलिसकर्मियों ने अपराधियों जैसा बर्ताव किया और अनाप-शनाप अपराध गिनाते हुए उनकी स्कूटी को भी जब्त कर लिया और चालान काटा।
बनवारी उपाध्याय को इस घटना के बाद से सदमे में हैं और वे स्वयं को बेहद अपमानित महसूस कर रहे हैं। जब क्लीयरन्यूजडॉट लाइव ने इनसे बातचीत की तो उन्होंने लगभग रुआंसे स्वर में बताया कि पुलिस वालों ने उन्हें थाने में धारा 151 में गिरफ्तार करने की धमकी दी। यही नहीं उनके कपड़ों की तलाशी ली और जेब में रखे रुपयों तक के बारे में भी पूछताछ करने लगे।
घटना के दौरान मौजूद रहे बनवारी के भांजी दामाद आशीष पाराशर ने बताया कि वे मानसरोवर रहते हैं और उन्हें कोरोना वैक्सीन लगने का स्लॉट उन्हें मालवीय नगर में मिला। वैक्सीन लगने वाले स्थान की जानकारी नहीं होने से उन्होंने बनवारी उपाध्याय को स्थान की जानकारी के के बारे में मदद के लिए बुलाया था किंतु दोनों को वैक्सीन लगवाकर लौटते हुए उन्हें पुलिसकर्मियों ने रोक लिया। पूछताछ करते हुए उनके साथ हाथापाई की और अपराधियों जैसा दुर्व्यहार किया।
पत्रकार समाज में बनवारी उपाध्याय के साथ घटी घटना से जबर्दस्त रोष है और उनका मानना है कि राजस्थान सरकार ने पत्रकारों को लेकर पुलिस को किसी प्रकार के निर्देश नहीं दिये हैं इसीलिये इस प्रकार की घटना घटी है।