प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बेंगलुरु में नए अत्याधुनिक बोइंग इंडिया इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी केन्द्र का उद्घाटन किया। पीएम ने बोइंग सुकन्या कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि बेंगलुरु में बोइंग प्रतिष्ठान ‘मेक इन इंडिया-मेक फॉर द वर्ल्ड’ संकल्प को सुदृढ करती है और भारत की प्रतिभा में विश्व के विश्वास को मजबूत करती है।
उन्होंने बेंगलुरु में बोइंग प्रतिष्ठान में भारत द्वारा भविष्य के विमान डिजाइन करने की संभावना व्यक्त की। पीएम मोदी ने कहा कि आज एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर निर्माण निर्माण करखाने और बोइंग प्रतिष्ठान के उद्घाटन के साथ, कर्नाटक देश में नया विमानन केंद्र बन गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र, राज्य सरकारों को विमानन ईंधन से संबंधित करों को कम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। श्री मोदी ने कहा कि केन्द्र, विमान पट्टे को भी आसान बनाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने विमान पट्टे और वित्तपोषण पर भारत की अपतटीय निर्भरता को कम करने के लिए गिफ्ट सिटी में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण का भी उल्लेख किया। इससे पूरे देश के विमानन क्षेत्र को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में केवल 70 हवाई अड्डें थे और अब इनकी संख्या 150 हो गई है। श्री मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बन गया है।
एक दशक में घरेलू यात्रियों की संख्या दोगुनी हो गई है। उड़ान जैसी योजनाओं ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। बढ़ती मांग के कारण भारतीय एयरलाइंस के बेड़े का आकार बढ़ रहा है। तेजी से बढ़ता विमानन क्षेत्र भारत के समग्र विकास और रोजगार सृजन को गति दे रहा है।
भारत में 15 प्रतिशत पायलट महिलाएं हैं जो वैश्विक औसत से तीन गुना अधिक है। उन्होंने एयरोस्पेस क्षेत्र में महिलाओं के लिए नए अवसर पैदा करने की सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की।बोइंग सुकन्या कार्यक्रम के माध्यम से दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले गरीबों को पायलट बनने के सपनों को साकार करने में सहायता करके विमानन क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहन देने में बोइंग के योगदान की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चंद्रयान की ऐतिहासिक सफलता ने भारत के युवाओं में वैज्ञानिक सोच का संचार किया है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पिछले 9 वर्षों में, लगभग 25 करोड़ भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला गया है और ये करोड़ों भारतीय अब एक नव-मध्य वर्ग का निर्माण कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने लाल किले से अपने उद्घोष ‘यही समय है, सही समय है’ का स्मरण करते हुए कहा कि बोइंग और अन्य अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए भी यह सही समय है कि वे अपनी वृद्धि को भारत की तीव्र वृद्धि के साथ जोड़ें।