प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ब्रुनेई दौरा भारत और ब्रुनेई के द्विपक्षीय संबंधों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला आधिकारिक ब्रुनेई दौरा है। ब्रुनेई एक छोटा सा देश है जो दक्षिण पूर्व एशिया में बोर्नियो द्वीप पर स्थित है। हालाँकि यह क्षेत्रफल में छोटा है, लेकिन आर्थिक दृष्टि से यह दुनिया के सबसे समृद्ध देशों में से एक है।
ब्रुनेई की सत्ता पर सुल्तान हाजी हसनल बोल्कैया का नियंत्रण है, जो 1984 से देश के प्रमुख शासक हैं। वह देश के 29वें सुल्तान हैं और 1984 में ब्रिटिश शासन से आजादी के बाद से ही उन्होंने सत्ता संभाली है। महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के बाद, सुल्तान बोल्कैया दुनिया के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले शासकों में से एक हैं। उन्होंने 2017 में अपने शासन के 50 साल पूरे होने का जश्न मनाया। सुल्तान हसनल बोल्कैया की संपत्ति और उनके विलासितापूर्ण जीवनशैली के कारण वे दुनिया के सबसे अमीर शासकों में गिने जाते हैं।
ब्रुनेई का इस्लामी कानून और शरिया
ब्रुनेई एक इस्लामी देश है, जहां इस्लामी कानून (शरिया) सख्ती से लागू है। यह कानून तीन चरणों में लागू किया गया। शरिया के तहत, चोरी के आरोप में हाथ काट देने, व्यभिचार के आरोपी को कोड़े मारने, और समलैंगिक संबंधों के लिए पत्थर से पीट-पीटकर मौत की सजा देने जैसी सख्त सजाएं शामिल हैं। समलैंगिकता के लिए पत्थर मारकर मौत की सजा के प्रावधान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी विवाद खड़ा किया था, जिसके बाद ब्रुनेई सरकार ने इसे अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते वापस ले लिया।
ब्रुनेई में शरिया कानून लागू होने के बाद, शराब की बिक्री और सेवन पर भी पूरी तरह प्रतिबंध है। ब्रिटिश शासन के दौरान ब्रुनेई में न्याय प्रणाली ब्रिटिश कानूनों पर आधारित थी, लेकिन आजादी के बाद सुल्तान ने इसे इस्लामी कानूनों पर स्थानांतरित कर दिया।
सुल्तान हसनल बोल्कैया का इस्लामी शासन
सुल्तान हसनल बोल्कैया ने 1987 में मक्का की यात्रा के बाद यह निर्णय लिया कि वे ब्रुनेई में इस्लामी कानूनों को और सख्त करेंगे। उन्होंने घोषणा की कि उनका शासन “अल्लाह का कानून” मानने वाला होगा। देश में महिलाओं के लिए पर्दा अनिवार्य है, और इस्लामी कानून का पालन न करने वालों के लिए कठोर दंड निर्धारित हैं। इस्लामी कानूनों और अमीरी के कारण ब्रुनेई को दक्षिण पूर्व एशिया का सऊदी अरब भी कहा जाता है।
ब्रुनेई की जनसंख्या और धर्म:
ब्रुनेई की कुल जनसंख्या का लगभग 80% हिस्सा मुस्लिम है, जिसमें से अधिकांश मलय मुस्लिम हैं। इसके अलावा, देश में बौद्ध और ईसाई समुदाय भी हैं। हालांकि ब्रुनेई एक बहुधर्मी देश है, लेकिन यहां इस्लामी कानूनों का पालन अनिवार्य है और अन्य धर्मों के अनुयायियों को भी इन कानूनों का पालन करना पड़ता है।
आर्थिक स्थिति:
ब्रुनेई की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार तेल और गैस का निर्यात है, जो देश की सबसे बड़ी आय का स्रोत है। ब्रुनेई की संपन्नता और इस्लामी कानूनों के पालन के कारण यह देश एक विशिष्ट पहचान रखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों को और मजबूती देने का प्रयास है, और इस दौरे से द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में वृद्धि होने की संभावना है।