नये कृषि कानूनों को रद्द करने को लेकर दिल्ली में प्रवेश की सीमाओं पर किसानों का धरना जारी है। किसानों को मनाने के लिए शुक्रवार, 18 दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मैदान में उतर आए। उन्होंने मध्य प्रदेश के किसानों के सम्मेलन को संबोधित किया और उन्होंने हाथ जोड़कर सरकार का दृष्टिकोण किसानों को समझाने का भरपूर प्रयास किया।
एमएमसपी व्यवस्था समाप्त नहीं होगी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कृषि उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त नहीं होगी बल्कि यह पहले की तरह ही जारी रहने वाली है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के हितों को लेकर बेहद गंभीर रही है और इसीलिए स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें लागू की गई हैं। जहां तर नये कृषि कानूनों की बात है तो वे रातों-रात बनाये और लागू नहीं किया गए हैं बल्कि वास्तव में राजनीतिक दलों, कृषि विशेषज्ञों और प्रगतिशील किसानों द्वारा इसकी लंबे समय से मांग की जा रही थी। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि विपक्ष इन कानूनों के बारे झूठा प्रचार कर रहा है।
समझौता करना या ना करना किसानों पर निर्भर, उनके साथ बेईमानी ना हो इसलिए बनाया कानून
कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग संबंधी नये कृषि कानून पर पीएम मोदी ने कहा कि कंपनियो के साथ समझौता करना या ना करना किसानों की इच्छा पर निर्भर है। किसानों के साथ कोई बेईमानी न कर सके, इस उद्देश्य से कानून में व्यवस्था की गई है। यानी, नये कृषि कानून के मुताबिक अगर किसान से समझौता करने वाला समझौता खत्म करता है तो उसे किसान को जुर्माना देना होगा लेकिन किसान जब चाहे समझौता समाप्त कर सकता है।