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पुतिन का सबसे बड़ा तोहफा: भारत के सामने कांप उठेंगे दुश्मन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा कई मायने में अहम साबित हुई है। खासकर के भारतीय सेना को मजबूत करने की दिशा में पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच हुई वार्ता ने हथियारों के कलपुर्जों की आपूर्ति में होने वाली देरी के बड़े मुद्दे को हल कर दिया है। रूस अब इसके लिए भारत में ही संयुक्त उद्यम लगाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक जुबान पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भारत को सबसे बड़ा तोहफा दे दिया है। पुतिन का यह तोहफा ऐसा है, जिससे भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। वहीं भारतीय सेना के आगे उसके दुश्मन थर-थर कांपने को मजबूर हो जाएंगे।
पीएम मोदी की 2 दिनों की रूस यात्रा के दौरान पुतिन ने भारत के डिफेंस सेक्टर को मजबूत बनाने का ऐलान किया है। इसके तहत रूस भारतीय सेना की जरूरतों के लिए सैन्य साजो-सामान और उनके कलपुर्जे बनाने वाले संयुक्त उद्यम स्थापित करेगा। ताकि भारत को रूसी हथियारों में लगने वाले कलपुर्जों की आपूर्ति के लिए इंतजार नहीं करना पड़े। यानि अब भारत में उन सभी रूसी हथियारों के कलपुर्जे तैयार होंगे, जिनका इस्तेमाल भारत की सेना में किया जा रहा है।
बता दें कि रूस ने मंगलवार को रूसी सैन्य साजो-सामान के कल-पुर्जों की आपूर्ति में देरी पर नई दिल्ली की चिंताओं को दूर करने के संदर्भ में भारत में संयुक्त उत्पादन इकाइयां स्थापित करके पर सहमति व्यक्त की। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिखर वार्ता में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ कल-पुर्जों की आपूर्ति में देरी का मुद्दा उठाया था।
दोनों नेताओं ने यहां 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भारत-रूस रक्षा संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। मोदी और पुतिन के बीच वार्ता के बाद एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए क्वात्रा ने कहा, ‘दोनों पक्षों में आम सहमति थी कि इसमें तेजी लाई जाएगी, जिसमें भारत में संयुक्त उद्यम स्थापित करना शामिल है, ताकि आवश्यक कल-पुर्जों की आपूर्ति में देरी की चुनौती का सार्थक तरीके से समाधान किया जा सके।’
भारत का अहम रणनीतिक साझेदार है रूस
रूस भारत के लिए सबसे बड़ा हथियारों का सप्लायर होने के साथ ही साथ सबसे अहम रणनीतिक साझेदार भी है। भारत और रूस की रणनीतिक साझेदारी वर्ष 2000 से है। ऐसे में रूसी हथियारों के कलपुर्जों की आपूर्ति के लिए भारत में संयुक्त उद्यम स्थापित करने का रूस का ये फैसला काफी महत्वपूर्ण है। इससे सेना की कार्यक्षमता और आत्मविश्वास में कई गुना तेजी आएगी। भारतीय सशस्त्र बलों को विभिन्न रूसी सैन्य साजो-सामान क कल-पुर्जों की आपूर्ति में रूस की ओर से अत्यधिक देरी हुई है, जिससे नई दिल्ली में चिंताएं बढ़ गई हैं। क्वात्रा ने कहा कि मोदी और पुतिन ने सैन्य साजो-सामान के सह-उत्पादन को लेकर व्यापक चर्चा की। रूस पिछले सात दशकों से भारत को सैन्य साजो-सामान और कल-पुर्जों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है।

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