आमजन के बीच सवाल उठने लगे हैं कि क्या कुछ संत-महात्मा या कथावाचक स्चयं को र्चाओं में बनाये रहने के लिए कई बार पने प्रवचनों में विवादित बाते बोल देते हैं। कुछ दिनों पहले कथावायक प्रदीप मिश्रा राधा रानी के संदर्भ में टिप्पणी करके विवादित हो गये थे और बाद उन्होंने मंदिर में नाक रगड़कर माफी मांगी थी। हालिया मामला वृंदावन के एक और कथावाचक महामंडलेश्वर का सामने आया है। वृंदावन के परिक्रमा मार्ग स्थित श्री राधा किशोरी धाम में रहने वाले महामंडलेश्वर इंद्रदेव महाराज ने रामलीला में माता सीता और भगवान राम का किरदार निभाने वालों को लेकर बेहद विवादित बयान दिया है। उनके इस विवादित बयान को लोगों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया है।
ये महामंडलेश्वर इंद्रदेव ने एक स्थान पर कथावाचन कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि रामलीला में जो पात्र भगवान राम और माता सीता का किरदार निभाते हैं, वे सिगरेट और शराब का सेवन करते हैं। इंद्रदेव महाराज ने तो यहां तक कह डाला कि हम सबने देखा है। जाओ जाके ब्लाउज खोलकर देख लो, ये सीता नहीं पूरा कुंभकर्ण है।
इंद्रदेव महाराज के कथावाचन के दौरान दिये गये बयानों का वीडियो जब धड़ा-धड़ वायरल होने लगा तो इस पर हंगामा मचना तो स्वाभाविक ही था। लोगों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए इंद्रदेव के विरुद्ध एफआईआर करने की मांग शुरू कर दी है। मामले तो बढ़ता देखकर परेशान हुए इंद्रदेव महाराज ने अपने बयान को लेकर माफी मांगी है और कहा है कि जो उन्होंने बचपन में देखा उसे ही लोगों को व्यास पीठ से बता रहे थे, उनका लक्ष्य भगवान का अपमान करना या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना बिल्कुल नहीं था।
इंद्रदेव महाराज के माफी मांगने के बावजूद लोग उनसे खुश नहीं है और उनके विरुद्ध कार्रवाई करवने की मांग कर रहे हैं। अखिल भारत हिंदू महासभा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित संजय हरियाणा ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से इंद्रदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है.
हरियाणा के साथ ही अन्य संगठनों ने कहा कि महाराज ने पहले भी पैरों पर स्वास्तिक और धार्मिक चिह्न बनवाकर धर्म विरुद्ध काम किया है। वहीं अब माता सीता और भगवान राम के स्वरूपों के प्रति बेहद अमर्यादित टिप्पणी की है। यह माफी के काबिल नहीं है, इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।