अब तक 3 हजार 759 परियोजनाएं पूरी
जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइन्स एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान में जिला खनिज फाउंडेशन निधि (डीएमएफटी) से राज्य के 17 जिलों मेंं 1791.85 करोड़ रुपए व्यय कर 11 हजार 895 परियोजनाएं संचालन का लक्ष्य है जिसमें से लगभग ढ़ाई माह में ही 3 हजार 759 परियोजनाओं पर 381 करोड़ रु. व्यय कर प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
अग्रवाल ने बताया कि 20 जून से देश के 116 जिलों में 125 दिवस के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना लागू की गई है। इस योजना में आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कराते हुए प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान में खनन विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों व किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा की और जिला कलक्टरों को तय समय सीमा में शत प्रतिशत लक्ष्य अर्जित करने के निर्देश दिए।
अग्रवाल ने बताया कि इस कार्यक्रम में पाली, उदयपुर, जालौर, नागौर, सिरोही, डूंगरपुर, सीकर, राजसमन्द, बाड़मेर, चित्तौडग़ढ़, अलवर, करौली, बीकानेर, जोधपुर, भीलवाड़ा, भरतपुर, बांसवाड़ा, हनुमानगढ़, चूरू, झुन्झुनू और जयपुर जिले शामिल हैं वहीं विभिन्न विभागों से जुड़े हुए 25 कार्यों का समावेश करते हुए अलग-अलग विभागों को क्रियान्वयन के लक्ष्य दिए हैं।
इसमें जिला खनिज फाउण्डेशन निधि के दायरे में आने वाले कार्य खनिज विभाग द्वारा इस अभियान के तहत कराते हुए कोविड-19 से प्रभावित प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
खनिज विभाग द्वारा गरीब कल्याण रोजगार अभियान में इस निधि से कराए जाने वाले कार्यों में पेयजल योजनाओं, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य-शिक्षा आदि में आधारभूत सुविधाओं, आंगनवाड़ी केन्द्रों, कौशल विकास, खनन क्षेत्रों में सड़क निर्माण, पुल, सिंचाई परियोजनाओं, जल संसाधन विकास, स्वच्छता कार्यक्रमों, बिजली आदि कार्य शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि निर्धारित लक्ष्यों के विरुद्ध चूरू ने शत प्रतिशत से भी अधिक लक्ष्य अर्जित किए हैं वहीं पाली 98.68, बांसवाड़ा 87.09, अजमेर जिलों ने 58.44 प्रतिशत लक्ष्य पूरे कर लिए हैं। अलवर, चित्तौडग़ढ़, बीकानेर, राजसमन्द, उदयपुर, हनुमानगढ़ में दस प्रतिशत से भी कम लक्ष्य अर्जित हुए हैं।
उन्होंने 50 प्रतिशत से कम लक्ष्य अर्जित करने वाले सभी 13 जिलों के जिला कलक्टरों को अद्र्धशासकीय पत्र लिख कर कार्य में गति लाने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि अभियान की घोषणा 20 जून को की गई है और यह अभियान 125 दिनों तक चलाते हुए प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना है।