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मौलवी का कारनामा: मदरसे में छप रहे थे 100-100 के नोट…निशाने पर महाकुंभ !

प्रयागराज में अगले साल होने वाले महाकुंभ की तैयारियों के बीच, जिले के एक मदरसे से नकली नोट बनाने की साजिश का खुलासा हुआ है। पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया और नकली नोट बरामद किए। इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम भी जांच में जुटी है। माना जा रहा है कि ये लोग किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने वाले थे।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में अगले साल होने जा रहे महाकुंभ की तैयारियां स्पीड से चल रही हैं। महाकुंभ मेले को लेकर सरकार किसी भी इंतजाम में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। लेकिन, बुधवार को एक ऐसी खतरनाक साजिश का खुलासा हुआ, जिसके निशाने पर यही महाकुंभ मेला था। साजिश थी, नकली नोटों की एक बड़ी खेप को महाकुंभ मेले में खपाने की और इसे प्रयागराज के एक मदरसे से अंजाम दिया जा रहा था। पुलिस ने यहां छापेमारी कर मदरसे के मौलवी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। बड़ी संख्या में नकली नोट भी बरामद किए गए हैं। मदरसे में बच्चों की छुट्टी हो जाने के बाद एक खाली कमरे के अंदर नकली नोटों की छपाई की जाती थी।
प्रयागराज पुलिस को पिछले कुछ दिनों से अपने खुफिया सूत्रों से खबर मिल रही थी कि बाजार में कुछ लोग नकली नोट चला रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की और नकली नोटों के इस गैंग के तार एक मदरसे से जुड़े हुए मिले। जब सारे सबूत पुख्ता हो गए तो पुलिस ने फोर्स के साथ मदरसे पर छापा मारा। मदरसे में एक कमरे के भीतर नोट छपाई का काम होता था। इस साजिश में मदरसे के मौलवी सहित कुल चार शामिल मिले, जिन्हें मौके से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा कमरे के अंदर से स्कैनर, प्रिंटिंग मशीन और 100-100 के ऐसे नकली नोट भी मिले, जिन्हें शीट से काटा जाना बाकी था।
ब्राउजिंग हिस्ट्री में मिले महाकुंभ से जुड़े लिंक
वहीं, नकली नोटों के इस रैकेट के तार किसी आतंकी संगठन या इंटरनेशनल ग्रुप से जुड़े होने के शक में गुरुवार को इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम भी मदरसा पहुंची। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टीम ने जब गिरफ्तार लोगों के मोबाइल फोन की जांच की, तो उनकी ब्राउजिंग हिस्ट्री में महाकुंभ से जुड़े लिंक मिले। इसके अलावा भी कई सुराग ऐसे मिले, जिनसे माना जा रहा है कि नकली नोटों की एक बड़ी खेप महाकुंभ मेले में खपाने की तैयारी थी। दरअसल, मेले में भीड़-भाड़ की वजह से अक्सर लोग नोट चेक किए बिना ही जेब में रख लेते हैं। नकली नोट छापने वाला ये गैंग इसी बात का फायदा उठाना चाहता था। प्रयागराज के इस मदरसे में कई राज्यों के बच्चे पढ़ते हैं, जिनके जरिए आसानी से नोट खपाए जाने की प्लानिंग चल रही थी।
आधार कार्ड सेंटर में काम करता है जाहिर का भाई
गिरफ्तार किए गए लोगों में मदरसे का मौलवी मोहम्मद तफसीरूल आरीफीन, ओडिशा का रहने वाला जाहिर खान, मोहम्मद शाहिद और मोहम्मद अफजल शामिल है। गिरफ्तार आरोपियों की उम्र 18 से 25 साल के बीच है। इनमें जाहिर खान चार साल पहले ही मदरसे में आया था। उसका भाई ओडिशा में आधार कार्ड बनाने वाले सेंटर में काम करता है। यहीं से जाहिर खान को नकली नोट बनाने का आइडिया आया और वो मदरसे के मौलवी के साथ मिलकर नकली नोट बनाने लगा। पुलिस अब इनके बैंक अकाउंट और दूसरी डिटेल तलाश रही है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि कहीं इन लोगों ने कोई बड़ा ट्रांजेक्शन तो नहीं किया।
एक दिन में 20 हजार रुपये की छपाई
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो एक दिन में 20 हजार रुपये के नोटों की छपाई करते थे। इसके बाद इन नोटों को आस-पास के मार्केट में चलाया जाता था। चूंकि नोट 100-100 के होते थे, इसलिए पकड़े जाने की गुंजाइश ना के बराबर होती थी। वहीं, नोट चलाने वालों को 100 रुपये के एक असली नोट के बदले 3 नकली नोट दिए जाते थे। आरोपियों ने बताया कि पिछले तीन महीनों से वो सब मिलकर नकली नोटों का ये रैकट चला रहे थे। इस तरह अनुमान लगाया जा रहा है कि पिछले तीन महीनों के दौरान ये लोग लगभग 5 लाख रुपए के नकली नोट बाजार में खपा चुके हैं।

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