जयपुर

निजी स्कूलों की ट्यूशन फीसः राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्ड पीठ ने एकलपीठ के आदेश पर लगाई रोक

जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति और जस्टिस महेंद्र गोयल की खण्ड पीठ ने निजी विद्यालयों को ट्यूशन फीस वसूलने के एकल पीठ के आदेश पर 9 अक्टूबर तक के लिए रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय अब सभी मामलों की सोमवार को एकसाथ सुनवाई करेगा।

राज्य सरकार ने भी की थी अपील

ध्यान दिला दें कि इस मामले में राजस्थान सरकार ने भी अपील दायर की है। उच्च न्यायालय ने इससे पूर्व निजी स्कूलों की फीस वसूली मामले में सुनवाई 30 सितंबर तक टाल दी थी और निशा फाउंडेशन को भी पक्षकार बनाने के लिए कहा था। इस मामले में राज्य सरकार ने भी अपील दायर की है और कहा है कि एकलपीठ द्वारा निजी स्कूलों को 70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूलने के आदेश में इसका कोई आधार नहीं बताया है। निजी विद्यालयों ने आरटीई व फीस संबंधी नियमों का उल्लंघन करते हुए फीस तय की है।

निजी विद्यालयों ने नहीं दिया ब्यौरा

न्यायालय में निजी स्कूलों की ओर से जानकारी नहीं दी गई है कि कोरोना महामारी के इस दौर में उन्होंने क्या खर्चा किया अतः एकलपीठ का आदेश रद्द किया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि एकलपीठ ने 7 सितंबर को सोसायटी ऑफ कैथोलिक एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस इन राजस्थान और प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन व अन्य की याचिकाओं पर अंतरिम आदेश दिया था। जिसमें निजी विद्यालयों को कुल ट्यूशन फीस की 70 फीसदी राशि अभिभावकों से तीन किस्तों में वसूलने की छूट दी थी। इसके अलावा यह भी कहा गया था कि फीस नहीं देने पर केवल बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल नहीं किया जा सकता किंतु यदि कोई बच्चा फीस जमा नहीं करा पाता है तो किसी बच्चे का नाम स्कूल से नहीं काटा जाना चाहिए।

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