उत्पादन निगम व अडानी की जेवी से कोयले की रैक बढ़ी राजस्थान (Rajasthan) में पिछले दो दिनों में 795 मेगावाट विद्युत क्षमता (capacity) के कालीसिंध एवं कोटा तापीय विद्युत गृहोंं में बिजली का उत्पादन (Production) आरंभ (Started) हो गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने सोमवार, 11 अक्टूबर को एक बार फिर संदेश भेजकर केंद्रीय कोयला सचिव अनिल जैन से प्रदेश में कोल इंडिया से कोयला की आपूर्ति बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि कोल इंडिया से राजस्थान को करीब साढ़े ग्यारह रेक प्रतिदिन उपलब्ध करानी है जबकि अभी कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई से 5 रैक ही डिस्पेच हो रही है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अग्रवाल ने सोमवार को जयपुर में अवकाश के दिन भी विद्युत भवन में विद्युत उत्पादन निगम, प्रसारण निगम व उर्जा विकास निगम के उच्च अधिकारियों के साथ विस्तार से समीक्षा की। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की निरंतर समीक्षा से स्थिति में सुधार होने लगा है, पर कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयों से आपूर्ति अभी नहीं बढ़ पाई है।
अग्रवाल ने बताया कि उच्च स्तरीय प्रयासों से अब प्रदेश में 15 से 16 रेक डिस्पेच होने लगी है, जबकि इससे पहले कम मात्रा में रेक डिस्पेच हो रही थी। 10 अक्टूबर को कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई एनसीएल से 4 और एसईसीएल से एक ही रेक डिस्पेच हुई है, वहीं विद्युत उत्पादन निगम व अडानी के संयुक्त उपक्रम से अधिक रेक प्राप्त होने लगी है। 10 अक्टूबर को उत्पादन निगम के कोल ब्लाक से 11 रेक डिस्पेच हुई है। इस तरह से 10 अक्टूबर को कुल 16 रेक डिस्पेच हुई है जबकि इससे पहले दिन 15 और इससे पहले इससे भी कम रेक आ रही थी। राज्य में सभी तापीय इकाइयों के लिए कोयला की करीब 21 रेक प्रतिदिन की आवश्यकता है।
राज्य में 9317 मेगावाट की उपलब्धता रही है वहीं 10683 मेगावाट की औसत मांग व 12200 मेगावाट की अधिकतम औसत मांग रही है। रोस्टर के आधार पर फीडरों से विद्युत कटौती की जा रही है।