कारोबार

परचेजिंग पॉवर घटी, तो लाइटवेट ज्वैलरी की डिमांड बढ़ी

जयपुर। ज्वैलरी महिलाओं की पहली पसंद होती है। हर महिला की ख्वाहिश होती है कि वह सोने चांदी के भारी-भारी जेवरों से लदी रहें, लेकिन कोरोना महामारी के कारण यह ट्रेंड बदल रहा है और महिलाओं की ओर से लाइट वेट ज्वैलरी की डिमांड शुरू हो गई है। इस वर्ष दीपावली और उसके बाद शादियों के सीजन में हल्के वजन की ज्वैलरी की मांग बढ़ी है। इसका प्रमुख कारण लोगों की परचेजिंग पॉवर कम होना बताया जा रहा है।

कोरोना महामारी के कारण पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। लंबे लॉकडाउन के कारण देश में भी लोग महीनों तक खाली बैठे रहे और बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार खत्म हो गए, नौकरियां चली गई। इससे लोगों के पास नकदी की कमी हो गई, जिसका प्रभाव ज्वैलरी ट्रेड पर भी पड़ा।

जयपुर सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी के अध्यक्ष कैलाश मित्तल का भी कहना है कि कोरोना महामारी के कारण अर्थव्यवस्था को काफी धक्का लगा है, लेकिन अब बाजार थोड़े-थोड़े पटरी पर आने लगे हैं और ज्वैलरी की भी त्योहारी खरीद शुरू हो गई है। ज्वैलर्स को उम्मीद है कि इस दीपावली पर और शादियों के सीजन में ज्वैलर्स का भी काम भी पटरी पर आ जाएगा।

बदल गया ट्रेंड

मित्तल ने बताया कि कोरोना के कारण परचेजिंग पॉवर कम होने से ज्वैलरी ट्रेड का ट्रेंड थोड़ा बदला है। ऐसे में ज्वैलर्स ने लाइट वेट की नई डिजाइनिंग में काम करना शुरू कर दिया है। कारीगरों को ज्वैलरी के सभी आईटमों जैसे टॉप्स, अंगूठी, पेंडेंट, नेकलेस, इयररिंग्स, चेन आदि लाइट वेट में बनाने के निर्देश दिए गए हैं। पहले नेकलेस 25 से 30 ग्राम में बनते थे, लेकिन अब 12 से 15 ग्राम में नेकलेस की डिजाइनिंग की गई है। अंगूठी चार से पांच ग्राम की बनती थी, लेकिन अब इसे ढाई ग्राम में बना रहे हैं। पेंडेंट सैट पहले 15 ग्राम से घटाकर 8-9 ग्राम में बनाए जा रहे हैं।

ज्वैलरी के साइज में थोड़ा-बहुत फर्क

कमेटी के महामंत्री मातादीन सोनी ने बताया कि ज्वैलरी का वजन घटाने के कारण उसके साइज में थोड़ा-बहुत फर्क पड़ा है, लेकिन फिर भी हमारी कोशिश है कि ज्वैलरी की साइज को बरकरार रखा जाए। इसके लिए ज्वैलरी को थोड़ा फैलाव में बनाया जा रहा है, ताकि वह साइज में बड़ी लगे।

वक्त की नजाकत ने घटाया वजन

ज्वैलर्स का कहना है कि वक्त की नजाकत को देखते हुए ही सभी ज्वैलर्स ने वजन घटाने का फैसला किया है। पहले ग्राहक मन बनाकर आता था कि उसे 10 ग्राम, 12 ग्राम या उससे कम-ज्यादा गोल्ड खरीदना है, लेकिन कोरोना के बाद जो ग्राहक आ रहे हैं, उनके दिमाग में एक अमाउंट रहता है कि उन्हें 2 लाख, 5 लाख में इतने आइटम खरीदने हैं। ऐसे में फिक्स अमाउंट में पूरे आइटम देने के लिए ज्वैलरी का वजन घटाया गया है।

Related posts

Preciselywhat are the choices when you find yourself going back to college?

admin

100 % free Revolves No triple double diamond slot machine: free play deposit Zero Bet Nz Casinos 2022

admin

Why Big Romantic Gestures Tend To Be Total Bullshit

admin