चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान में जारी कोरोना टीकाकरण Corona Vaccination)अभियान को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सराहा है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार राज्य उन अग्रणी प्रदेशों में सम्मिलित है जहां वैक्सीन का सबसे कम वेस्टेज हुआ है। चिकित्साकर्मियों ने वैक्सीन की प्रत्येक वॉयल में से 10 के अतिरिक्त उपलब्ध डोज का उपयोग किया, जिससे प्रदेश में वैक्सीन की आपूर्ति के अनुपात में 1.8 प्रतिशत अधिक वैक्सीनेशन हो सका।
शर्मा ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार देश के जिन 16 राज्यों में अनुमत श्रेणी के अलावा वैक्सीन वेस्ट हुई है, उसमें प्रदेश का नाम तक नहीं है। जारी रिपोर्ट में 1 मई से 29 जून, 2021 तक का डेटा शामिल है। उन्होंने कहा कि चिकित्साकर्मियों ने पूर्ण दक्षता के साथ वैक्सीनेशन कर तय डोजेज से भी ज्यादा संख्या में वैक्सीनेशन किया है।
21 जून से हम वैक्सीन की उपलब्धता के लिए पूर्ण रूप से केन्द्र पर निर्भर है। देश के अन्य राज्यों को जहां उनकी मांग के अनुसार वैक्सीन उपलब्ध कराई जा रही है वहीं राजस्थान को यह सुविधा नहीं मिल रही। केन्द्र सरकार की ओर से प्रदेश को जुलाई माह के लिए 65 लाख कोरोना वैक्सीन डोज का आवंटन किया गया है। जबकि प्रदेश में दूसरी डोज के लिए ही करीब 75 लाख डोज की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त प्रथम डोज के लिए भी करीब इतनी ही डोज की जरुरत है। इस सबंध में मुख्यमंत्री द्वारा भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर करीब 1.5 करोड़ डोज की मांग की जा चुकी है।
कोरोना के नए वैरिएंट मिलने से संक्रमण के तेज होने की आशंका अधिक बढ़ गई है। ऐसे में वैक्सीनेशन को प्रक्रिया को तेज करने की आवश्यकता है। क्योंकि वैक्सीन और कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर से कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है। अनलॉक 4.0 के बाद से बाजारों में काफी भीड़ देखी जा रही है जो कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर का प्रमुख कारण बन सकती है।