जयपुर। हर व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई लकी चार्म होता है। राजनीति में भी लकी चार्म को बहुत अहमियत दी जाती है और राजनेता भी किसी न किसी को अपना लकी चार्म मानते हैं। इसके पीछे सोच यह रहती है कि लकी चार्म उन्हें सफलता दिलाएगा, उन्नति के मार्ग प्रशस्त करेगा। अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ भी एक लकी चार्म सामने आ रहा है। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी अपनी दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपना लकी चार्म मान रहे हैं।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि भारत की राजनीति में इंदिरा गांधी का स्थान बहुत ऊपर है और हर कोई राजनेता उनके जैसा पावरफुल और प्रसिद्ध बनने की चाह रखता है। ऐसे में गांधी परिवार की नई पीढ़ी भी उन्हें ही लकी चार्म मान रही है और राजनीतिक सफलता के लिए इंदिरा गांधी के नक्शे कदमों पर चलने की कोशिश कर रही है।
वयोवृद्ध कांग्रेसी नेताओं का कहना है इंदिरा गांधी जब भी राजस्थान में चुनावों के समय राजनीतिक दौरा करती थी, तो वह इसकी शुरूआत गंगानगर से ही करती थीं। उस समय गंगानगर और हनुमानगढ़ एक ही जिले थे। ऐसे में अब उनके पौत्र राहुल गांधी ने भी हनुमानगढ़ से ही अपना दौरा शुरू किया है। इससे पूर्व राहुल गांधी ने 2018 में अपना चुनावी दौरा भी इसी क्षेत्र से किया था।
इसलिए होती थी गंगानगर से शुरूआत
राजनेताओं की सभाओं में उमड़ी भीड़ को ही उनकी सफलता का एकमात्र आंकड़ा माना जाता है। गंगानगर क्षेत्र सिख और जाट बहुल क्षेत्र है और यह दोनों जातियां उस समय कांग्रेस के साथ पूरी तरह से जुड़ी थी। इसलिए इंदिरा गांधी यहीं से राजस्थान दौरे की शुरुआत करती थी, ताकि उनका आगाज शानदार भीड़ के साथ हो और पूरे प्रदेश में इसका मैसेज पहुंच जाए लेकिन अब माहौल बदल चुका है।
प्रियंका को बताया गया दूसरी इंदिरा
राहुल के बाद उनकी बहन प्रियंका गांधी का सक्रिय राजनीति में पदार्पण हुआ तो उन्हें भी कांग्रेस ने चेहरे-मोहरे और हाव-भाव से दूसरी इंदिरा गांधी के रूप में स्थापित करने की कोशिश की थी। भले ही प्रियंका गांधी का चेहरा और हावभाव इंदिरा गांधी से मिलते हों लेकिन उनके जैसी राजनीतिक समझ पाने के लिए उन्हें लंबे अनुभव की जरूरत होगी।